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    गुजरात विधानसभा चुनाव

    2 चरणों में होने वाले गुजरात विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा ने आज अपने पत्ते खोलते हुए 70 उम्मीदवारों वाली पहली सूची जारी कर दी। इन 70 उम्मीदवारों में पहले चरण में होने वाले चुनाव के लिए 58 और दूसरे चरण के चुनाव के लिए 12 उम्मीदवारों के नाम घोषित किए गए। जिन 70 उम्मीदवारों को पहली सूची में जगह मिली उनमें सबकी जीत तकरीबन तय मानी जा रही है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के नेतृत्व में केंद्रीय चुनाव कमेटी ने बैठक के बाद इन नामों की घोषणा की। बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज समेत केंद्रीय चुनाव कमेटी से जुड़े अन्य सदस्य भी शामिल हुए। पहली सूची में शामिल बड़े चेहरों में मुख्यमंत्री विजय रुपाणी, उपमुख्यमंत्री नितिन कुमार पटेल, जीतूभाई वाघाणी और विभावरी बेन दवे के नाम शामिल हैं।

    90 के दशक से गुजरात में भाजपा का परंपरागत वोटबैंक रहा पाटीदार समाज पिछले 2 सालों से आरक्षण की मांग को लेकर सत्ताधारी भाजपा सरकार के खिलाफ आन्दोलनरत है। पाटीदार समाज को गुजरात की सियासत का ‘किंग मेकर’ माना जाता है पाटीदार आन्दोलन के नेतृत्वकर्ता हार्दिक पटेल लगातार भाजपा के खिलाफ जहर उगल रहे हैं और कांग्रेस को समर्थन देने की बात कर चुके हैं। ऐसे में भाजपा अपना हर कदम फूँक-फूँक कर रख रही है और नाराज पाटीदारों को अपनी ओर मिलाने की हर मुमकिन कोशिश कर रही है। भाजपा द्वारा जारी की गई उम्मीदवारों की पहली सूची भी इसी ओर इशारा करती है। भाजपा ने अपनी पहली सूची में पाटीदारों को प्रमुखता देकर अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। भाजपा पाटीदारों की उम्मीदवारी के सहारे गुजरात की सियासत का जातीय समीकरण साधने की जुगत में हैं।

    जातिगत समीकरण पर ध्यान

    भाजपा के केंद्रीय चुनाव कमेटी की बैठक के बाद जारी की गई इस सूची में गुजरात के जातीय समीकरण को ध्यान में रखते हुए उम्मीदवार तय किए गए हैं। भाजपा सरकार के खिलाफ आन्दोलनरत पाटीदार समाज का विशेष ध्यान रखा है। 70 उम्मीदवारों की सूची में 15 पाटीदारों को जगह दी गई है। इसके अतिरिक्त ठाकोर जाति के 8 उम्मीदवारों को जगह मिली है। इन 70 उम्मीदवारों में 4 महिला उम्मीदवारों के नाम भी शामिल हैं। एक नजर जातिगत उम्मीदवारों पर :

    पाटीदार : 15
    ठाकोर : 8
    क्षत्रिय : 6
    कोली : 5
    ब्राह्मण : 2
    जैन : 2
    चौधरी : 2

    पाटीदारों को जाएगा मजबूत सन्देश

    भाजपा ने गुजरात विधानसभा चुनावों के लिए आज अपने पत्ते खोलते हुए 70 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की। इस सूची में पाटीदारों को प्रमुखता से जगह देते हुए भाजपा ने 15 पाटीदार उम्मीदवारों को शामिल किया। 70 उम्मीदवारों की सूची में 15 पाटीदारों को जगह देकर भाजपा ने 20 फीसदी जनाधार वाले पाटीदार समाज को मजबूत सन्देश दिया है। गुजरात की सत्ताधारी भाजपा सरकार के खिलाफ आन्दोलनरत पाटीदार समाज के नेता हार्दिक पटेल कांग्रेस के साथ जा चुके हैं और कांग्रेस हार्दिक के 8 वफादारों को चुनाव लड़ाने की सहमति दे चुकी है। पाटीदार आन्दोलन आरक्षण की मांग से कहीं दूर निकल आया है और भाजपा-कांग्रेस एक दूसरे को पाटीदारों का सबसे बड़ा हिमायती साबित करने की कोशिश कर रहे हैं। हार्दिक पटेल भी सक्रिय राजनीति में आने की अपनी महत्वकांक्षा जाहिर कर चुके हैं।

    पाटीदार आन्दोलन के अगुआ हार्दिक पटेल पहले कांग्रेस को परोक्ष रूप से समर्थन दे रहे थे मगर अब वह प्रत्यक्ष रूप से कांग्रेस के साथ आ चुके हैं। आज हार्दिक पटेल का प्रतिनिधिमंडल दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान से मुलाक़ात करेगा जिसके बाद हार्दिक के वफादारों की उम्मीदवारी पर मुहर लग जाएगी। हार्दिक पटेल ने बीते दिनों यह बयान दिया था कि उनका लक्ष्य आरक्षण नहीं वरन भाजपा को सत्ता से बेदखल करना है। उनके इस बयान ने भाजपा के लिए संजीवनी का काम किया था और हार्दिक की राजनीतिक महत्वकांक्षाओं को उजागर कर दिया था। इसके बाद आई कथित सीडी की वजह से हार्दिक की छवि को नुकसान पहुँचा है और भाजपा उन्हें निशाने पर ले रही है। भाजपा ने ऐसे नाजुक वक्त में पाटीदारों को उम्मीदवार बनाकर अपना ट्रम्प कार्ड चल दिया है और मुमकिन है यह उसके लिए बाजी पलटने में सफल रहे।

    भाजपा के लिए जरुरी है पाटीदारों को साधना

    जरात की सत्ता तक पहुँचने की अहम सीढ़ी माना जाने वाला पाटीदार समाज 80 के दशक के आखिर में भाजपा की ओर झुकने लगा था। इससे पूर्व पाटीदार कांग्रेस के समर्थक थे। पाटीदार समाज को भाजपा की तरफ मिलाने में वरिष्ठ भाजपा नेता और गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल ने अहम भूमिका निभाई थी। 80 के दशक में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी के “गरीबी हटाओ” के नारे और गुजरात के जातिगत समीकरणों को को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस ने ‘खाम’ गठजोड़ (क्षत्रिय, हरिजन, आदिवासी, मुस्लिम) पर अपना ध्यान केन्द्रित कर लिया जिससे पाटीदार समाज नाराज हो गया। केशुभाई पटेल ने इन नाराज पाटीदारों को भाजपा की तरफ मिलाया। इसके बाद से पाटीदार समाज भाजपा का कोर वोटबैंक बन गया था और भाजपा की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने लगा था।

    पाटीदार समाज सिर्फ मतदाताओं के आधार पर गुजरात में निर्णायक की भूमिका निभाते हैं यह कहना गलत होगा। गुजरात की मौजूदा भाजपा सरकार के 120 विधायकों में से 40 विधायक पाटीदार समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसके अतिरिक्त गुजरात सरकार के 7 मंत्री, 6 सांसद भी पाटीदार समाज से हैं। 2015 में हार्दिक पटेल के नेतृत्व में आरक्षण की मांग को लेकर हुए पाटीदार आन्दोलन के बाद पाटीदार समाज भाजपा से नाराज चल रहा है। भाजपा नाराज पाटीदारों को मनाने का हरसंभव प्रयास कर रही है पर अब तक इसमें सफल नहीं हो पाई है। नरेंद्र मोदी के 2014 में गुजरात छोड़ने के बाद से पाटीदार समाज पर भाजपा की पकड़ ढ़ीली हो गई है। भाजपा के लाख प्रयत्न करने के बावजूद भी पाटीदार समाज के रुख में कोई बदलाव नहीं आया है।

    कांग्रेस से आए नेताओं को भी जगह

    कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए 5 मौजूदा विधायकों को भी भाजपा की पहली सूची में जगह मिली है। इन विधायकों ने गुजरात राज्यसभा चुनावों से पहले विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था और भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। भाजपा ने इन सभी नेताओं पर भरोसा जताते हुए इन्हें चुनावी मैदान में उतार दिया है। इसके अतिरिक्त एक अन्य निर्दलीय विधायक केतन ईमानदार को भी भाजपा ने अपनी पहली सूची में जगह दी है। केतन ईमानदार वड़ोदरा सीट से चुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए नेताओं की उम्मीदवारी पर एक नजर :

    राघव पटेल : जामनगर ग्रामीण
    रामजी परमार : ठासरा
    मानसी चौहान : बालानिसोर
    सी के राउजी : गोधरा
    दिलीप संधानी : धारी

    कहीं नए चेहरों को मौका, कहीं पुराने शागिर्दों पर दांव

    भाजपा ने अपनी पहली सूची में 70 उम्मीदवारों के नाम घोषित किए हैं। इन 70 उम्मीदवारों में से 5 उम्मीदवार कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए वर्तमान विधायक हैं वहीं 1 निर्दलीय विधायक है। भाजपा ने 55 पुराने विधायकों पर दांव खेला है वहीं 1 पुराने विधायक का पत्ता काट दिया है। भाजपा ने 15 नए चेहरों पर दांव खेला है जिसमें आईपीएस पी सी बरांडा का नाम भी शामिल है। कुछ बड़े चेहरों को भी सूची में शामिल किया है। इसमें मुख्यमंत्री विजय रुपाणी, उपमुख्यमंत्री नितिन कुमार पटेल, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष जीतूभाई वाघाणी और विभावरी बेन दवे के नाम शामिल हैं। एक नजर दिग्गजों की सीटों पर :

    विजय रुपाणी : राजकोट पश्चिम
    नितिन कुमार पटेल : मेहसाणा
    जीतूभाई वाघाणी : भावनगर पश्चिम
    विभावरी बेन दवे : भावनगर पूर्व

    By हिमांशु पांडेय

    हिमांशु पाण्डेय दा इंडियन वायर के हिंदी संस्करण पर राजनीति संपादक की भूमिका में कार्यरत है। भारत की राजनीति के केंद्र बिंदु माने जाने वाले उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले हिमांशु भारत की राजनीतिक उठापटक से पूर्णतया वाकिफ है।मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक करने के बाद, राजनीति और लेखन में उनके रुझान ने उन्हें पत्रकारिता की तरफ आकर्षित किया। हिमांशु दा इंडियन वायर के माध्यम से ताजातरीन राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर अपने विचारों को आम जन तक पहुंचाते हैं।