नंदोद की विधानसभा की सीट गुजरात के 182 सीटों में से एक है। यह सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है। नंदोद विधानसभा सीट 2008 के सीमांकन के बाद अस्तित्व में आई थी और यह क्षेत्र नर्मदा जिले में स्थित है। यहाँ की कुल आबादी 2,41,053 है जिसमें से 1,24,560 आबादी पुरुषों की है तथा 1,16,493 आबादी महिलाओं की है। यहाँ का औसत लिंगानुपात 935 है जबकि यहाँ की बहुसंख्यक आबादी ग्रामीण आबादी है। इस क्षेत्र की 82.7 फीसदी आबादी ग्रामीण है तथा मात्र 17.03 फीसदी आबादी शहरी है।
पार्टी | उम्मीदवार | मत | प्रतिशत में | |
बीजेपी | शब्दर्शन तड़वी | 79,580 | 50.14 | |
कांग्रेस | हरेशभाई वसावा | 63,853 | 40.23 | |
अंतर | 15,727 | 9.91 |
नंदोद में हुए 2012 विधानसभा चुनाव के परिणाम
यहाँ की औसत साक्षरता दर 77.98 है तथा यह क्षेत्र नंदोद तालुका व तिलकवडा तालुका का प्रतिनिधित्व करता है। 2012 में हुए विधानसभा चुनाव से प्राप्त आँकड़ों के अनुसार, यहाँ पर मतदाताओं की कुल संख्या 2,02,787 है। 2012 में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा के शब्दर्शन तड़वी यहाँ से विधानसभा सदस्य चुने गए थे। उस समय कड़े मुकाबले में उन्होंने कांग्रेस के हरेशभाई वासवा को 9.91 फ़ीसदी मतों से हरा दिया था।
कुल | पुरुष | महिलाएं | |
साक्षरता दर | 77.98% | 75.61% | 61.83% |
अनुसूचित जाति | 5,645 | 2,857 | 2,788 |
अनुसूचित जनजाति | 1,76,658 | 91,078 | 85,580 |
नंदोद तालुका की जनसंख्या का आंकलन
यहाँ अनुसूचित जाति के मतदाताओं की संख्या 5,645 है तथा अनुसूचित जनजाति के मतदाताओं की संख्या 1,76,658 है। अगर यहाँ की जनसंख्या को धार्मिक दृष्टि से बाँट दिया जाए तो पाएंगे कि यहाँ की जनसंख्या हिन्दू बाहुल्य जनसंख्या है। इस क्षेत्र में हिन्दू आबादी 2,30,284 है तथा बाकी अन्य धर्म के लोग यहाँ जनसंख्या की दृष्टि से अल्पसंख्यक है। यहाँ पर रहने वाले अन्य धर्मों के लोगों में मुस्लिम, सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध तथा अन्य शामिल हैं।
धर्म | कुल | पुरुष | महिलाऐं | |
हिन्दू | 2,30,284 | (95.53%) | 1,19,100 | 1,11,184 |
मुस्लिम | 9,679 | (4.02%) | 4,920 | 4,759 |
ईसाई | 560 | (0.23%) | 261 | 299 |
सिख | 114 | (0.05%) | 59 | 55 |
बौद्ध | 23 | (0.01%) | 11 | 12 |
जैन | 181 | (0.08%) | 96 | 85 |
अन्य | 45 | (0.02%) | 24 | 21 |
नंदोद की धार्मिक जनसंख्या
पिछले चार विधानसभा चुनावों में से तीन बार कांग्रेस यहाँ से चुनाव जीत चुकी है। आदिवासी बाहुल्य सीट होने के कारण कांग्रेस की क्षेत्र में अच्छी पकड़ है। यही कारण है कि यहाँ से कांग्रेस के जीतने के आसार बढ़ गए है। भाजपा सरदार सरोवर बाँध और नर्मदा नहर को क्षेत्र में प्रमुख चुनावी मुद्दा बना रही है है। ऐसे में अब यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा को नर्मदा के साथ-साथ क्या क्षेत्रीय जनता का भी आशीर्वाद मिलता है।