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    दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल

    अरविन्द केजरीवाल की मुसीबते कम होने का नाम ही नहीं ले रही है। अभी प्रदुषण के मामले में केंद्र, पंजाब, हरियाणा और एनजीटी समेत तमाम सरकारों और संगठनों के निशाने से वो ठीक से हटे भी नहीं थे कि उससे पहले ही आयकर विभाग की लपेटे में आ गए। केजरीवाल को आयकर विभाग ने पुरे तीस करोड़ का कारण बताओ नोटिस भेजा है।

    आयकर विभाग का आरोप है कि पार्टी ने 2014 में पार्टी में जो सूचनाए अपने चंदे के बारे में दी है वो सहीं नहीं है। अभी कल ही आम आदमी पार्टी ने अपनी स्थापना के पांच साल पूरा होने के मोके पर रामलीला मैदान में एक बड़ा समारोह किया है। समारोह के जश्न का खुमार अभी आम आदमी पार्टी के दिल से उतरा भी नहीं था कि आयकर ने यह नोटिस देकर केजरीवाल के होश उड़ा दिए है।

    आम आदमी पार्टी के चंदे पर विपक्षी दल शुरुआत से ही ऊँगली उठाती रहीं हैं। इससे पहले भी यह मामला साल की शुरुआत में उछला था, जब आयकर विभाग ने पार्टी के नेताओं को नोटिस दिया था। आयकर ने आम आदमी पार्टी को इस मामले में पेश होने को कहा था। इस मामले में जब पार्टी नेताओं से बात किया गया तो उन्होने पुरे मामले को राजनीतिक स्टंट बताया।

    नेताओं ने कहा कि आम आदमी पार्टी से केंद सरकार डर गयी हैं इसलिए इस तरह की छोटे दर्जे की राजनीती कर रही हैं। पार्टी ने कहा यह देश के इतिहास में पहली बार हो रहा हैं कि दान में मिले चंदे को भी करयोग्य आय समझा जा रहा हैं। ‘आप’ नेता दीपक बाजपाई ने कहा कि पार्टी का एक एक पैसा पवित्र है और इसलिए केंद्र की मोदी सरकार को कोई और चाल चलनी चाहिए। उन्होने कहा कि इस तरह की हरकतों से पार्टी नहीं डरती है, हम नोटिस का जवाब जरूर देंगे।