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गुजरात विधानसभा चुनावशक्ति सिंह गोहिल के चुनावी क्षेत्र अब्दसा में भाजपा और कांग्रेस के बीच काँटे की टक्कर

इस बार गुजरात में हो रहे विधानसभा चुनाव पर सबकी नजर है। विधानसभा चुनाव में राजधानी गाँधीनगर की हर सीट खास मायने रखती है। राजधानी गाँधीनगर की दहेगाम की सीट पर कांटे की टक्कर हैं। दहेगाम गाँधीनगर जिले में स्थित एक नगर पालिका परिषद है।

इस शहर की आबादी कुल 42,632 है तथा यहाँ के विधानसभा के सदस्य कांग्रेस के कामिनिबा भूपेंद्र सिंह राठौड़ है। 2012 के विधानसभा चुनावों के अनुसार कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियां यहाँ पर एक दूसरे को हराने का दम रखती है।

2012 में भले ही कामिनिबा भूपेंद्र सिंह राठौड़ यहाँ की सीट जीत गए हो, लेकिन उनकी जीत और बीजेपी के हार में कुछ ज्यादा फर्क नहीं था। बीजेपी 2012 में मात्र दो फीसदी वोटों से दहेगाम की सीट हार गई थी। जहाँ कांग्रेस के भूपेंद्र सिंह राठौड़ को 61,043 वोट मिले थे, तो वहीं बीजेपी के रोहित ठाकोर को 58,746 वोट ही मिले थे।

2011 के सेन्सस के अनुसार दहेगाम नगर पालिका को इस तालिका द्वारा समझा जा सकता है :

  दहेगाम नगर पालिका             कुल             पुरुष         महिलाऐं
       साक्षरता           81.8%             76.8%           65.6%
          बच्चे          5446             2,949           2,497
  अनुसूचित जाति           2,875             1,500           1,375
 अनुसूचित जनजाति           1,778              897            881

 

अगर हम दहेगाम नगर पालिका की आबादी को धार्मिक दृष्टि से देखें तो पाएंगे कि यहाँ पर सबसे ज्यादा आबादी हिन्दुओं की हैं। मुस्लिम तथा अन्य धर्म के वर्ग के लोग यहाँ बहुत ही कम संख्या में निवास करते हैं।

नीचे दी गई तालिका की मदद से हम यहाँ की धार्मिक जनसंख्या को समझ सकते हैं। 

          धर्म           कुल         महिलाएं            पुरुष
         हिन्दू         37,293         18,036          19257
       मुस्लिम          4,003          1,984          2,019
         सिख            147            72           75
         ईसाई             42            19           23
          जैन         1,120           541          579
          बौद्ध            05            03           02
         अन्य            02            01           01

यहाँ दो बार बीजेपी (1995 तथा 1998) और तीन बार (2002, 2007 तथा 2012 ) कांग्रेस जीत चुकी है। यही कारण है कि इस सीट को लेकर हर किसी के मन में असमंजस की स्थिति बनी हुई हैं।