इस वर्ष के आखिर में गुजरात में विधानसभा चुनाव होने प्रस्तावित हैं। इन चुनावों की तैयारियों में सारी पार्टियां जी-जान से जुट गई हैं। फिलहाल गुजरात में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार है और कांग्रेस यहाँ प्रमुख विपक्षी दल की भूमिका में है। जैसे-जैसे चुनाव का समय नजदीक आता जा रहा है साड़ी राजनीतिक पार्टियां सक्रिय होती जा रही हैं। इसी क्रम में आज गुजरात कांग्रेस ने अपने पहले चुनावी वादे की घोषणा की। गुजरात कांग्रेस ने कहा है कि अगर वह सत्ता में आई तो बेरोजगार युवाओं को हर माह सरकार बेरोजगारी भत्ता देगी। योग्यता के हिसाब से बेरोजगारी भत्ते के लिए अलग-अलग श्रेणियों का निर्धारण किया गया है।
घोषणापत्र के मुताबिक 12वीं तक के पढ़े-लिखे युवा बेरोजगारों को सरकार 3,000 रूपये मासिक बेरोजगारी भत्ता देगी। वहीं स्नातक युवा बेरोजगारों के लिए 3,500 रूपये मासिक बेरोजगारी भत्ते का प्रावधान है। इसके अतिरिक्त परास्नातक युवा बेरोजगारों के लिए 4,000 रूपये मासिक का बेरोजगारी भत्ता तय किया गया है। माना जा रहा है कि यह घोषणा गुजरात कांग्रेस के चुनावी वादों की शुरुआत है और एक-एक कर पार्टी अपने सारे चुनावी वादे जनता के सामने रखेगी। आगामी विधानसभा चुनावों के लिए अपने चुनावी अभियान को गुजरात कांग्रेस ने “नवसृजन गुजरात” का नाम दिया है। भत्ते की घोषणा के बाद कांग्रेस ने कहा कि पिछले 22 सालों से गुजरात में भाजपा की सरकार है। बतौर मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल के दौरान हुए इन्वेस्टमेंट समिट में लाखों-करोड़ों के निवेश की बात हुई थी। इसके बावजूद राज्य में लगातार बेरोजगारी बढ़ी है।
विजय रुपानी ने किया था गुजरात के सर्वाधिक रोजगार उपलब्ध कराने का दावा
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने सोमवार, 28 अगस्त को दावा किया था कि पिछले 1 वर्ष के दौरान देश में पैदा हुए रोजगार के कुल अवसरों के 84 फीसदी अवसर गुजरात में पैदा हुए हैं। उन्होंने कहा था कि गुजरात सरकार ने पिछले एक हफ्ते के दौरान राज्य के 10 लाख युवाओं को रोजगार दिलाया है। मुख्यमंत्री विजय रुपाणी राजकोट के सौराष्ट्र विश्वविद्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में युवाओं को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा था कि पिछले 11 सालों से गुजरात देश में रोजगार सृजन के मामले में पहले स्थान पर है। उन्हकै दावा था कि गत वर्ष देश में पैदा हुए रोजगार के 84 फीसदी अवसर अकेले गुजरात में थे और शेष देश का योगदान 16 फीसदी का रहा था। उन्होंने कहा था कि वाइब्रेंट गुजरात, मॉडर्न गुजरात और गिफ्ट सिटी आदि योजनाओं के तहत नौकरियों को बढ़ावा मिला है।
आधुनिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार की पहल के तहत मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने 35,000 छात्रों को टैबलेट वितरित किए थे। गुजरात सरकार नमो ई-टैब योजना के तहत 1,000 रूपये टोकन मूल्य के 3,00,000 टैबलेट छात्रों को बाँट रही है। गुजरात सरकार यह टैबलेट उन छात्रों को दे रही है जिन्होंने इस साल उच्च शिक्षा के लिए अपना नामांकन कराया है। मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने अपने सम्बोधन के दौरान कहा था कि गुजरात में भाजपा सरकार ने 80,000 लोगों को नौकरी दी है और 10,00,000 युवाओं के लिए निजी क्षेत्र में रोजगार के अवसर खोले हैं। उन्होंने कहा था कि इन नौकरियों की नियुक्ति में पूरी पारदर्शिता बरती गई है और योग्यता को ही नौकरियों का आधार बनाया गया है।
कार्यकर्ताओं से संवाद करने अहमदाबाद पहुँचे थे राहुल गाँधी
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी पिछले दिनों अपनी नॉर्वे की विदेश यात्रा से लौटने के तुरंत बाद गुजरात आए थे। अहमदाबाद में साबरमती फ्रंट पर आयोजित कार्यकर्ता संवाद सम्मेलन में उन्होंने गुजरात कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद किया था और आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों का जायजा लिया था। अहमदाबाद में साबरमती रिवर फ्रंट पर आयोजित संवाद कार्यक्रम में पार्टी कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए राहुल गाँधी ने केंद्र की सत्ताधारी मोदी सरकार पर निशाना साधा था। नरेंद्र मोदी को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री की आर्थिक नीतियों ने देश की विकास दर को गिरा दिया है और नोटबंदी व जीएसटी ने छोटे व्यापारियों की कमर तोड़ दी है। उन्होंने कहा था कि मोदी सरकार के कार्यकाल में देश की अर्थव्यवस्था चौपट हो गई है।
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने आरोप लगाया था कि मोदी सरकार नोटबंदी को लागू करने में पूरी तरह विफल रही है और इसे उसकी सबसे बड़ी असफलता करार दिया था। उन्होंने 28 फीसदी जीएसटी का भी विरोध किया था और कहा था कि इससे छोटे व्यापारियों की कमर टूट गई है। गुजरात में प्रस्तावित विधानसभा चुनावों को मद्देनजर रखते हुए कांग्रेस ने राज्य के सभी 182 विधानसभा क्षेत्रों से अपने कार्यकर्ताओं को अहमदाबाद बुलाया था। साबरमती रिवर फ्रंट पर टी शेप में रैंप बनाया गया था जिससे अधिक से अधिक कार्यकर्ता राहुल गाँधी से सीधा संवाद कर सकें। पूरे राज्य भर से तकरीबन 10,000 कांग्रेस कार्यकर्ता इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे। गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष भारत सिंह सोलंकी ने बताया था कि इस तरह के कार्यक्रम को आयोजित करने का एक मात्र मकसद कार्यकर्ताओं का राहुल गाँधी से सीधा संवाद कराना था।
बगावत से “बैकफुट” पर है गुजरात कांग्रेस
हालिया संपन्न राष्ट्रपति चुनावों के वक्त गुजरात कांग्रेस की बगावत खुलकर सतह पर आ गई थी। पार्टी के 7 विधायकों ने एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की थी जिससे उनकी जीत का अंतर और बढ़ गया था। कांग्रेस ने इस बगावत के लिए तत्कालीन नेता विपक्ष शंकर सिंह वाघेला को जिम्मेदार माना और उनपर पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त होने का आरोप लगाया। शंकर सिंह वाघेला ने इससे क्षुब्ध होकर बगावत कर दी और पार्टी से किनारा कर लिया। उनकी बगावत के बाद गुजरात कांग्रेस विधायकों के इस्तीफों का दौर शुरू हो गया और पार्टी हाशिए की तरफ बढ़ने लगी।
गुजरात राज्यसभा चुनावों के वक्त कांग्रेस उम्मीदवार अहमद पटेल की उम्मीदवारी भी संकट में आ गई थी। उन्हें राज्यसभा भेजने के लिए गुजरात कांग्रेस ने अपने 44 विधायकों को बेंगलुरु के ईगलटन रेसॉर्ट में ठहराया था। चुनावों करे एक दिन पहले उन्हें गुजरात लाया गया और खुद अहमद पटेल इन विधायकों को मतदान स्थल तक लेकर आए। इसके बावजूद भी 2 विधायकों ने अहमद पटेल के खिलाफ क्रॉस वोटिंग की। भाजपा ने अहमद पटेल को हराने के लिए हर मुमकिन कोशिश की मगर चुनाव आयोग ने उन दोनों विधायकों के मतों को अवैध करार दिया। अहमद पटेल आधे मतों से जीतकर राज्यसभा सदस्य निर्वाचित हुए। उनकी यह जीत बगावत की आग में झुलस रही गुजरात कांग्रेस के लिए संजीवनी की तरह थी।
भाजपा के पक्ष में हैं सर्वे के रुझान
गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर हुए सर्वे में रुझान भाजपा के पक्ष में आते दिख रहे हैं। एबीपी न्यूज़ द्वारा कराए गए सर्वे के मुताबिक वर्तमान समय में विधानसभा चुनाव होने की स्थिति में भाजपा को 145 से 150 सीटें मिलने के आसार नजर आ रहे हैं। वहीं कांग्रेस का प्रदर्शन पिछली बार से भी ख़राब रहने की उम्मीद है। सर्वे के मुताबिक़ कांग्रेस 25 से 33 सीटों के बीच सिमट कर रह जाएगी जो पिछले चुनावों की तुलना में आधी हैं। अन्य दलों के खाते में 3 से 5 सीटें जाने की सम्भावना हैं। वर्तमान परिदृश्य में भाजपा 115 सीटों के साथ गुजरात विधानसभा का सबसे बड़ा दल है और कांग्रेस दूसरे स्थान पर है। लेकिन हालिया घटनाक्रमों के बाद आगामी चुनावों में कांग्रेस के प्रदर्शन को लेकर कुछ भी कहना मुश्किल है।