विश्व की सबसे ऊँची प्रतिमा, ‘स्टेचू ऑफ़ यूनिटी‘ बनने के बाद अब पता चला है कि गुजरात में भगवान “बुद्धा” की बहुत जल्द प्रतिमा बनने जा रही है। इसकी प्लानिंग भी शुरू हो चुकी है।
‘संघकाया’ नाम की एक संस्था ने सरकार से ये मांग की है कि सरदार वल्लभभाई पटेल की तरह भगवान “बुद्धा” की भी गांधीनगर ज़िले में एक 80 फ़ीट की मूर्ती बननी चाहिए। उन्होंने इस मूर्ती के लिए उन्ही राम सुतार को नियुक्त किया है जिन्होंने ‘स्टेचू ऑफ़ यूनिटी’ का निर्माण किया है।
संस्था के राष्ट्रपति भंते प्रशील रत्न के अनुसार , “हमे बहुत जल्द इस मूर्ती के लिए ज़मीन मिलने की उम्मीद है। और हम बहुत जल्द गुजरात में बुद्धिस्ट यूनिवर्सिटी भी खोलेंगे। वैसे प्राचीन बुद्धिस्ट साइट ज्यादातर बिहार, उत्तरप्रदेश और उत्तरी भारत में ही देखने को मिलती हैं मगर गुजरात को भी इन प्राचीन जगहों का आशार्वाद मिला है। नालंदा और तक्षिला की तरह, एक चीनी ट्रैवलर के रिकार्ड्स में लिखा है कि गुजरात के भावनगर में एक ‘वल्लभी’ नाम की बड़ी बुद्धिस्ट यूनिवर्सिटी है। जैसे नालंदा यूनिवर्सिटी को पुनर्स्थापित किया गया वैसे ही हम ‘वल्लभी’ यूनिवर्सिटी को भी पुनर्स्थापित करना चाहते हैं।”
उन्होंने आगे कहा-“राज्य सरकार ने हमे गांधीनगर में ज़मीन दी है जहाँ हम बुद्धिज़्म पे यूनिवर्सिटी शुरू करने की प्लानिंग कर रहे हैं।
ये संस्था उत्तर गुजरात के साबरकांठा ज़िले की एक बुद्धिस्ट आर्कियोलॉजिकल साइट, ‘देव नी मोरी’ पे एक बड़ी सी ईमारत बनाने की भी सोच रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘स्टेचू ऑफ़ यूनिटी’ का अनावरण 31 अक्टूबर को नर्मदा ज़िले में किया था। इस प्रतिमा की ऊंचाई 8000 फ़ीट है।