उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज गुजरात गौरव यात्रा में शामिल होने के लिए वलसाड पहुँचे। अपने सम्बोधन के दौरान योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी पर जमकर निशाना साधा। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी पर हमला बोलते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गुजरात आकर कांग्रेस के शहजादे लोगों को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं। योगी ने कहा कि राहुल गाँधी जहाँ भी प्रचार करने जाते हैं कांग्रेस वहाँ हार जाती है। गुजरात में भी कांग्रेस का यही हश्र होगा। बता दें कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गुजरात में राजनीतिक रूप से काफी सक्रिय नजर आ रहे हैं और पिछले 1 महीने के भीतर 1 बार राज्य का दौरा कर चुके हैं। गुजरात में कांग्रेस के 2 दशकों से चल रहे सियासी वनवास को खत्म करने के लिए राहुल गाँधी जी-तोड़ मेहनत कर रहे हैं।
आज जनपद वलसाड, गुजरात में जनसभा को सम्बोधित किया। pic.twitter.com/p4NtkM48F7
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) October 13, 2017
अपने सम्बोधन के दौरान योगी आदित्यनाथ ने गुजरात का गुणगान किया। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गुजरात ने देश को महात्मा गाँधी, सरदार पटेल और नरेंद्र मोदी जैसे व्यक्ति दिए हैं। योगी ने कहा कि गुजरात ने पिछले 2 दशकों में काफी विकास किया है। कांग्रेस के शासनकाल में राज्य की प्रति व्यक्ति आय 14,000 रुपए थी जो अब बढ़कर 1,00,000 रुपए तक पहुँच गई है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह सब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शिता का परिणाम है। योगी ने कहा कि नरेंद्र मोदी गुजरात से वाराणसी आए और लोकसभा चुनाव जीता वहीं भगवान कृष्ण उत्तर प्रदेश से गुजरात आए थे। गुजरात और उत्तर प्रदेश का पुराना साथ रहा है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकारों ने गुज़रतात में काफी विकास किया है।
राहुल गाँधी पर तीखे रहे बोल
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने पूरे संबोधन के दौरान राहुल गाँधी और कांग्रेस पर हमलावर रहे। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अहमदाबाद में बुलेट ट्रेन परियोजना की शुरुआत कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए भारत के निर्माण की पहल की है। यह उनकी दूरदर्शिता का परिणाम है कांग्रेस का नहीं। योगी आदित्यनाथ ने बतौर मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल को याद करते हुए कहा कि मोदीजी के नेतृत्व में मैंने के भुज और कच्छ का विकास होते हुए देखा है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी पर तंज कसते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा, “जब गुजरात में बाढ़ आई थी तब पीएम मोदी और अमित शाह यहाँ आए थे पर राहुल गाँधी नहीं आए थे। राहुल गाँधी बस चुनावी दौरे करने वाले व्यक्ति हैं। राहुल गाँधी अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी में पिछले 14 सालों में जिलाधिकारी कार्यालय नहीं बनवा सके हैं।”
कांग्रेस की विचारधारा पर हमला
योगी आदित्यनाथ ने अपने सम्बोधन के दौरान कांग्रेस की विचारधारा पर भी हमला बोला। योगी आदित्यनाथ ने कहा, “कांग्रेसी इशरत जहाँ के समर्थक हैं। ये लोग विनाश के एजेंट हैं और इन्होने गांधीजी का अपमान किया है। भाजपा का लक्ष्य गुजरात को कांग्रेस मुक्त करना है। कांग्रेस ने जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गाँधी जैसे लोगों को भारत रत्न दिया था पर सरदार पटेल को इसके काबिल नहीं समझा। जब अटल बिहारी वाजपेयी जी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार आई तब सरदार पटेल को भारत रत्न से विभूषित किया गया। सही मायनों में वे इन सब से पहले भारत रत्न के हकदार थे।”
गुजरात गौरव यात्रा का विरोध कर रहा है पाटीदार समाज
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह द्वारा 1 अक्टूबर को सरदार पटेल के गृह नगर करमसद से गुजरात गौरव यात्रा का आगाज किया गया था। इस यात्रा का मुख्य मकसद गुजरात में भाजपा से नाराज चल रहे उसके पारम्परिक वोटबैंक पाटीदारों को साधना था। इसके अतिरिक्त भाजपा गुजरात गौरव यात्रा के माध्यम से सूबे की ग्रामीण सीटों पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है। भाजपा ने गुजरात गौरव यात्रा की कमान राज्य के उपमुख्यमंत्री और पाटीदार समाज से आने वाले नितिन पटेल को सौंपी है। इसके बावजूद पाटीदारों ने कई जगहों पर गुजरात गौरव यात्रा का विरोध किया है। अभी तक अपने मंसूबों में सफल ना होने के चलते भाजपा अन्य जातीय समीकरणों की ओर भी ध्यान दे रही है जिनमें पार्टी की हिंदुत्ववादी छवि और ओबीसी समुदाय का समर्थन महत्त्वपूर्ण है।
योगी आदित्यनाथ के हाथ हिंदुत्व की कमान
गुजरात एक हिन्दू बाहुल्य आबादी वाला राज्य है और यहाँ की 89 फीसदी आबादी हिन्दू है। ऐसे में भाजपा अपने कोर वोटबैंक माने जाने वाले हिन्दुओं को साधने के लिए हिंदुत्व कार्ड भी खेल सकती है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी अपने गुजरात दौरों के दौरान सॉफ्ट हिंदुत्व का कार्ड खेलते नजर आए थे और कांग्रेस की हिंदुत्व विरोधी छवि को बदलने के लिए प्रयासरत दिखे थे। करीब दो दशक पहले भाजपा हिंदुत्व के मुद्दे को आधार बनाकर गुजरात की सत्ता पर काबिज हुई थी और उसके बाद से कांग्रेस सियासी वनवास काट रही है। कांग्रेस अब अपनी हिंदुत्व विरोधी छवि को बदलकर गुजरात की सत्ता में वापस आने के लिए जी-तोड़ प्रयास कर रही है।
भाजपा भी कांग्रेस की इस चाल को लेकर सतर्क हो गई है। देश में हिंदुत्व के सबसे बड़े और लोकप्रिय चेहरे और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को गुजरात गौरव यात्रा में शामिल कर भाजपा भी इसकी शुरुआत कर चुकी है। योगी आदित्यनाथ की छवि कट्टर हिंदूवादी नेता की रही है और योगी राज में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लिए गए फैसलों पर इसका स्पष्ट असर दिखता है। योगी आदित्यनाथ हाल ही में भाजपा और संघ कार्यकर्ताओं की हत्या के विरोध में केरल में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह द्वारा शुरू की गई जनसुरक्षा यात्रा में शामिल हुए थे। उन्हें वहाँ पर भारी जनसमर्थन मिला था। हिन्दू बाहुल्य आबादी वाले गुजरात में योगी आदित्यनाथ को चुनाव प्रचार में शामिल करना निश्चित रूप से भाजपा के लिए फायदेमंद होगा और पार्टी की हिंदुत्ववादी छवि को और निखारेगा।
क्षेत्रवादी राजनीति का रहेगा प्रभाव
गुजरात विधानसभा चुनावों के दौरान भाजपा उत्तर प्रदेश के मंत्रियों को चुनाव प्रचार अभियान में शामिल कर रही है। इसकी सबसे बड़ी वजह है सूबे में उत्तर प्रदेश वासियों की आबादी। गुजरात के दो प्रमुख औद्योगिक नगरों अहमदाबाद और सूरत में बड़ी संख्या में मध्य और पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोग रहते हैं। मजदूर वर्ग में बिहार निवासियों की भी बड़ी आबादी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूर्वांचल की वाराणसी सीट से सांसद हैं। वह मध्य-पूर्व उत्तर प्रदेश के साथ बिहार के सीमावर्ती जिलों में भी प्रभाव रखते हैं। उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद दोनों राज्यों के सम्बन्ध भी सुधरे हैं और हाल ही में बिहार में आई बाढ़ के वक्त गुजरात ने मुख्यमंत्री राहत कोष में आर्थिक मदद दी थी। ऐसे में भाजपा क्षेत्रवाद के आधार पर वोटरों को साधने के लिए उत्तर प्रदेश के नेताओं को चुनाव प्रचार में उतार रही है।
कभी भाजपा के गढ़ रहे गुजरात में अब भाजपा की पकड़ ढ़ीली हो चुकी है और इस बात को मानने में किसी को कोई गुरेज नहीं है। 2 दशकों से पार्टी के अभेद्द्य दुर्ग रहे गुजरात को बचाने के लिए भाजपा हरसंभव कोशिश कर रही है वहीं कांग्रेस भी सूबे में अपना दशकों पुराना सियासी वनवास खत्म करने की जुगत में जुटी हुई है। नतीजे चाहे जिसके पक्ष में आए पर यह बात तय है कि गुजरात का सियासी दंगल 2019 के लोकसभा चुनावी की पृष्ठभूमि तैयार करेगा और देश की राजनीति की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएगा।