इधर जैसे-जैसे दिल्ली का पारा गिरता जा रहा है, उधर गणतंत्र दिवस परेड (Republic Day Parade 2022) के पहले राज्यों के झांकियों (Tableau) को सम्मिलित या दरकिनार किये जाने को लेकर राजनीति फिर से गर्म है। केंद्र सरकार ने पहले केरल, फिर पश्चिम बंगाल और अब तमिलनाडु द्वारा प्रस्तावित झाँकी को गणतंत्र दिवस परेड में सम्मिलित करने से इनकार कर दिया है।
इसके बाद पश्चिम बंगाल (West Bengal) के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी जिसमें बंगाल के प्रस्तावित झांकी को अस्वीकृत किये जाने पर कहा है- “यह निश्चित ही उनके राज्य के लोगों के लिए दर्द देने वाला फैसला है।”
वहीं केंद्र में मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा – “बीजेपी सरकार कुछ विशेष राज्यों जो बीजेपी या उनके सहयोगी पार्टियों द्वारा शाषित नहीं है, के तरफ “प्रतिशोधात्मक” रवैया अपना रही है।”
आखिर इतनी राजनीति क्यों?
पश्चिम बंगाल द्वारा प्रस्तावित झाँकी नेताजी सुभाष चंद्र बोस ( Netaji Subhash Chandra Bose) के 125वी जयंती (125th Birth Anniversary) को ध्यान में रखते हुए उनके महान कार्यों के ऊपर आधारित थी। साथ ही बंगाल की धरती पर जन्में कई और महापुरुषों के बारे में भी कई ज्ञानवर्धक जानकारियों को इसमें दिखाया जाना था। वहीं केरल की झाँकी महान दार्शनिक और समाज सुधारक नारायण गुरु के ऊपर आधारित थी।
यहाँ पर यह बताना जरूरी है कि केंद्र सरकार ने इस बार गणतंत्र दिवस समारोह की शुरुआत 23 जनवरी से ही शुरू करने की घोषणा की है। 23 जनवरी आज़ादी के महानायक नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिन है।
बीजेपी की राजनीति राष्ट्रवाद के इर्द गिर्द घूमते रही है, यह बात किसी से छिपी नहीं है। ऐसे में ममता बनर्जी सहित सभी विपक्षी नेताओं को “नेताजी” के काम पर आधारित झाँकी को अस्वीकृत करने के बाद बीजेपी को घेरने एक मौका मिल गया है।
कैसे होता है झांकियों का चयन??
हर साल नई दिल्ली के राजपथ पर गणतंत्र दिवस के परेड में होने वाले झांकियों के लिए इच्छुक राज्य अपना प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजता है। प्रस्तावित झांकियों के चयन और अस्वीकृत करने का जिम्मा भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के अधीन होता है।
रक्षा मंत्रालय द्वारा गठित एक कमिटी जो कला, वास्तुकला (अर्चिटेक्चर), डिज़ाइन, संस्कृति और संगीत से जुड़े अनुभवी व्यक्तियों को मिलाकर बनाई जाती है। यह कमिटी ही तय करती है कि परेड में राज्यों की झाँकी के लिए किस राज्य के प्रस्ताव को स्वीकार किया जाएगा और किस राज्य का नहीं।
चयनित होने के लिए क्या है नियम ?
- झाँकी किसी ऐतिहासिक घटना पर, सभ्यता व संस्कृति, पुरानी विरासत, या विकास कार्यों पर आधारित होना चाहिए।
- इसमें कोई लोगो या एनिमेशन और ध्वनि नहीं होना चाहिए।
- किसी भी विषय की पुनरावृत्ति (Repeating ideas) नहीं होना चाहिए।
- इसके साथ ही विषय को कैसे दिखाया जा रहा है (Representation); इस पर विशेष जोर होता है।
कितना सच है विपक्ष का आरोप
राज्यों द्वारा केंद्र पर आरोप लगाना प्रथम-दृष्टया निहायत ही बेबुनियादी बात लगती हैं। यह जरूर है कि नेताओं को अपनी राजनीति साधने के एक अच्छा मौका मिल गया है। देश के राजनीतिक दलों और नेताओं को हर बात में केंद्र बनाम राज्य (Centre Vs State Politics) की राजनीति बना देने से बचना चाहिए।