देश के परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने अत्यधिक तेल आयात को देश में उत्पन्न हुए आर्थिक संकट का सबसे बड़ा कारण बताया है।
मीडिया से रूबरू होते हुए गडकरी ने कहा कि संबन्धित मंत्री लगातार इस पर चर्चा करके कोई न कोई हल निकालने की कोशिशो में लगे हुए हैं, जिससे जल्द ही जनता को राहत दिलाई जा सके।
भारत इस वक्त विश्व का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश है। भारत अपनी जरूरत का करीब 80 फ़ीसद तेल आयात करता है।
एक ओर जहां अमेरिकी डॉलर के मुक़ाबले भारतीय रुपये की कीमत लगातार गिरती जा रही है, वहीं दूसरी ओर अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल के दाम 85 डॉलर प्रति बैरेल तक पहुँच गए हैं, जिसके बाद भारत को महंगाई की दोहरी मार झेलनी पड़ रही है।
आर्थिक संकटों में उलझे भारत के बाज़ार को भी संभलने का मौका नहीं मिल पा रहा है। सेंसेक्स ने जहाँ आज दिन के मध्य तक 800 अंक का गोता लगाया है, वहीं दूसरी ओर डॉलर के मुक़ाबले रुपया अपने इतिहास के न्यूनतम स्तर 73.77 रुपये प्रति डॉलर तक पहुँच गया है।