‘भारत एक विशाल देश है इसलिए इतनी गंदगी होना सामान्य बात है।’ लेकिन कब तक हम इस बहाने से देश में गंदगी फैलाते रहेंगे? देश को साफ़ रखने के लिए सबसे बड़ी भूमिका लोगों की है, ना की सरकार की।
भारत में रहने वाला एक मजदूर दुबई जैसी जगह जाकर कभी भी गंदगी नहीं फैलाता है। वह इंसान जो भारत में दिन में पांच बार गुटखा खाकर सड़क पर थूकता है, वहीं विदेश में जाकर गंदगी फैलाने से पहले कई बार सोचता है।
ऐसा क्यों? भारत में ‘स्वच्छ भारत’ लोगों के लिए विकल्प है, अनिवार्यता नहीं। गंदगी फैलाने पर किसी तरह की सजा का कोई प्रावधान नहीं है। लेकिन दूसरे देशों में ऐसा नहीं है। वहां गंदगी फैलाने पर जेल की सजा भी हो सकती है। ऐसे में लोग गंदगी फैलाने से बचते हैं।
यहाँ भारत में नेता झाड़ू लेकर एक दिन तो सड़क पर आ जाते हैं, लेकिन अगले दिन फिर से वहीं पहले जैसा। एक दिन में जादू थोड़े ही होता है।
भारत में गंदगी रोकने के उपाय :
- लोगों को शिक्षित करना होगा। मुख्य रूप से बच्चों को यह समझाना होगा, कि गंदगी फैलाना एक जुर्म है।
- लोगों को इसमें एक-साथ भागीदार होना होगा। कूड़ेदान में ही कचरा डालें।
- सरकार को सार्वजनिक कूड़ेदान की संख्या बढ़ानी होगी।
- सरकार को सार्वजनिक शौचालयों की संख्या बढ़ानी होगी।
- कूड़ा फैलाने पर भारी जुर्माना।
स्वच्छ भारत अभियान को शुरू हुए तीन साल से ज्यादा का समय हो चुका है, लेकिन अभी तक इसमें परिणाम देखने को नहीं मिले हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि अभी तक सिर्फ सरकार इसके लिए प्रयास कर रही है। लेकिन जब तक, आम जनता आगे आकर इसमें भागीदार नहीं होगी, यह सफल नहीं हो सकेगा।