आज दोपहर करीब 12:30 बजे श्री रामनाथ कोविंद ने देश के चौदहवें राष्ट्रपति के पद और गोपनीयता की शपथ ली। सर्वोच्च न्यायलय के मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर ने उन्हें शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण समारोह में निवर्तमान राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मंत्रिमंडल दल के अलावा देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने हिस्सा लिया। विपक्ष के दिग्गज नेता भी इस दौरान मौजूद रहे।
कोविंद के शपथ ग्रहण करने के बाद ‘जय श्री राम’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगे। हालाँकि ये पता नहीं चल सका है कि ये नारे किसने लगाए। रामनाथ कोविंद आरएसएस की पृष्ठभूमि से आने वाले पहले राष्ट्रपति हैं। आंकड़ों पर गौर करें तो वेंकैया नायडू का भी उपराष्ट्रपति बनना तय है। ऐसे में यह पहला मौका होगा जब देश में लोकतंत्र के तीनों सर्वोच्च पदों पर आरएसएस के पूर्व कार्यकर्त्ता पदासीन होंगे।
कोविंद ने व्यक्त किया आभार
शपथ ग्रहण करने के बाद रामनाथ कोविंद ने अपने पहले सम्बोधन में सभी सहयोगियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि देश के राष्ट्रपति का पद सौंपने के लिए मैं आप सभी का आभार व्यक्त करता हूँ। पूरी विनम्रता से मैं आपके निर्णय को सर्वोपरि रखते हुए अपने पद के दायित्व को ग्रहण करता हूँ। उन्होंने कहा कि सेंट्रल हॉल आकर पुरानी यादें ताजा हो गई हैं। बतौर सांसद मैंने कई मुद्दों को यहाँ उठाया है और लोकहित में कार्य किया है, आगे भी करता रहूँगा।
उन्हें पुराने दिनों को याद करते हुए कहा कि मैं मिटटी के घर में पला-बढ़ा हूँ। कभी यह नहीं सोचा था कि राष्ट्रपति भवन तक पहुचुँगा। आपने मुझे देश का प्रतिनिधित्व करने का मौका दिया है और मैं अपनी जड़ों से जुड़ें रहकर इस देश की जड़ें मजबूत करूँगा।