विषय-सूचि
कोलेजन और ब्रॉडकास्ट डोमेन (collision domain and broadcast domain in hindi)
कंप्यूटर नेटवर्क जो दो सबसे प्रमुख डिवाइस प्रयोग में आते हैं वो हैं- राऊटर और स्विच। लेकिन फिर भी आपने लोगों को हब, रिपीटर और ब्रिज की भी चर्चा करते सुना होगा।
अब क्या आपको पता है उपर के दोनों डिवाइस को इन सबसे ज्यादा प्रयोग में क्यों लाया जाता है? इसका एक कारण हो सकता है कि वो ज्यादा efficient और शक्तिशाली हैं लेकिन अब हम जानेंगे कि उनकी इस एफिशिएंसी और पॉवर के पीछे का कारण क्या है। यहीं पर collision डोमेन और ब्रॉडकास्ट डोमेन की बात आती है।
आगे जाने से पहले आपको ये याद दिलाना जरूरी है हब एक मल्टीपल पोर्ट वाला रिपीटर होता है। वैसे ही, स्विच भी एक मल्टीपल पोर्ट वाला ब्रिज होता है।
अब आप जान पाएंगे कि क्यों रिपीटर और ब्रिज को प्रोडक्शन नेटवर्क में प्रयोग करने से बचा जाता है। ऐसा इसीलिए क्योंकि इसके पास बहुत कम संख्या में पोर्ट होते हैं।
अब हम हब, स्विच और राऊटर की बात करते हैं और इसी के द्वारा हम समझेंगे कि ये दोनों ही डोमेन का मतलब क्या है।
कोलेजन डोमेन (collagen domain in hindi)
कोलेजन डोमेन एक ऐसी स्थिति होती है, जिसमे जब डिवाइस कोई मैसेज नेटवर्क को भेजता है तो उस collision डोमेन के अंदर के बांकी सभी डिवाइस को भी इसपर ध्यान देना होता है भले ही वो उनमे से किसी के पास जा रहा हो या नहीं।
यहीं पर समस्या कड़ी हो जाती है क्योंकि जब ही दो डिवाइस एक साथ अपने-अपने मैसेज भेजेंगे तो एक collision होगा जो उन्हें इन्तजार करने के लिए मजबूर कर देगा और उन्हें अपने-अपने मैसेजों को फिर से ट्रांसमिट करना पड़ेगा और वो भी एक-एक कर के।
एक बात आपको याद रखने की जरूरत है कि ऐसा सिर्फ हाफ-डुप्लेक्स मोड वाली स्थित में ही होता है।
ब्रॉडकास्ट डोमेन (broadcast domain in hindi)
ब्रॉडकास्ट डोमेन एक ऐसी स्थिति होती है जहां पर जब कोई डिवाइस एक ब्रॉडकास्ट मैसेज भेजता है तो उस ब्रॉडकास्ट डोमेन के अंदर उपस्थित सारे डिवाइस को उसपर ध्यान देना होता है। इसके कारण नेटवर्क में बहुत कंजेशन की स्थिति आ जाती है जिसे LAN कंजेशन कहा जाता है। ये नेटवर्क में उपस्थित यूजरों के बैंडविड्थ पर असर डालता है।
ये जान्ने के बाद आप ये समझ सकते हैं कि collision डोमेन और ब्रॉडकास्ट डोमेन की जितनी ज्यादा संख्या होगी, नेटवर्क उतनी ही ज्यादा एफिशिएंसी से काम करेगा और सारे उपयोगकर्ताओं को भी अच्छा बैंडविड्थ मिलेगा।
अब हम उन डिवाइस के बारे में जानते हैं जो collision डोमेन को विभाजित क्रेट हैं और कुछ जो ब्रॉडकास्ट डोमेन को।
हब (hub)
यहाँ हमने हब से शुरुआत इसीलिए की है क्योंकि हमे इस से जितना जल्दी हो सके छुटकारा पाना होता है। इसके पीछे का कारण ये है कि ये ना तो ब्रॉडकास्ट डोमेन को तोड़ता है और ना ही collision डोमेन को।
हब से जुड़े हुए सारे के सारे डिवाइस एक ही collision डोमेन और एक ही ब्रॉडकास्ट डोमेन के अंदर आते हैं। ये भी आपको याद रखना होगा कि हब किसी नेटवर्क को सेगमेंट नहीं करते बल्कि वो सिर्फ उन सेंगेमेंट्स को कनेक्ट करने का कार्य करते हैं।
स्विच (switch)
अब हम आते हैं स्विच पर जिसमे हमे हब के उपर एक फायदा मिलता है। ऐसा इसीलिए क्योंकि स्विच के अंदर के सारे पोर्ट अलग-अलग collision डोमेन में होते हैं।
इसीलिए विभिन्न पोर्ट से कनेक्ट डिवाइस से आने वाले मैसेजों को कभी collision का सामना नहीं करना पड़ता। ये हमे नेटवर्क के डिजाईन करते समय काफी मदद देता है लेकिन इन स्विच के साथ एक समस्या भी है। वो कभी भी ब्रॉडकास्ट डोमेन को नहीं तोड़ते।
स्विच के अंदर के सारे पोर्ट अभी भी समान ब्रॉडकास्ट डोमेन में ही होते हैं। अगर कोई डिवाइस ब्रॉडकास्ट मैसेज भेजता है तो कंजेशन की सम्भावना रहती है।
राऊटर (router)
अंत में अब बात करते हैं ऐसे डिवाइस की जो इन सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है और सबसे ज्यादा अच्छे से कार्य करता है। राऊटर न सिर्फ collision डोमेन बल्कि ब्रॉडकास्ट डोमेन को भी विभाजित करता है।
एक राऊटर दो अलग-अलग नेटवर्क के बीच कनेक्शन बनाता है। एक नेटवर्क से छोड़ा गया ब्रॉडकास्ट मैसेज दूसरे नेटवर्क पर तब तक नहीं पहुंचेगा जब तक कि राऊटर इसे पास नहीं होने दे।
इसके अलावे रिपीटर और ब्रिज हब और स्विच से केवल पोर्ट्स की संख्या के मामले में अलग होते हैं।
रिपीटर collision या ब्रॉडकास्ट डोमेन में विभाजन नहीं करता जबकि ब्रिज केवल collision डोमेन को ही तोड़ता है।
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