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    कोरोना वायरस के खिलाफ तेज होती लड़ाई में देश के सामने एक और गंभीर चुनौती आ खड़ी हुई है। अभी तक कोरोना वायरस के डबल म्यूटेंट ने ही विज्ञानियों को चिंता में डाल रखा था, कि अब इसका ट्रिपल म्यूटेंट भी सामने आ गया है। महाराष्ट्र, दिल्ली और बंगाल में ट्रिपल म्यूटेंट से संक्रमित कुछ मामले सामने आए हैं। ट्रिपल म्यूटेशन का मतलब है कि कोरोना वायरस के तीन अलग-अलग स्ट्रेन यानी स्वरूप मिलकर एक नए वैरिएंट में बदल गए हैं।

    विज्ञानियों का मानना है कि दुनियाभर में संक्रमण के नए मामलों में बेतहासा वृद्धि वायरस के नए-नए वैरिएंट की वजह से ही हो रही है। मैकगिल यूनिवर्सिटी में महामारी विज्ञान विभाग में प्रोफेसर डॉ. मधुकर पई ने कहा, ‘यह एक बहुत अधिक संक्रमणीय वैरिएंट है। यह बहुत सारे लोगों को बहुत जल्दी बीमार बना रहा है। हमें टीके में बदलाव करने की जरूरत है। इसके लिए हमें बीमारी को समझना होगा। हमें युद्ध स्तर पर सिक्वेंसिंग करने की आवश्यकता है।’

    महाराष्ट्र में हुई जीनोम सिक्वेंसिंग से पता चला कि जितने केस आए हैं, उनमें से 60 फीसदी में नया कोरोना वायरस है। इसका नाम बी.1.618 वैरिएंट रखा गया है। इससे पहले डबल म्यूटेंट कोरोना वायरस आया था, जिसका नाम बी.1.617 था।

    ट्रिपल म्यूटेशन यानी कोरोना के तीन अलग-अलग स्ट्रेन का मिलकर एक नया वेरिएंट बनना। देश के कुछ हिस्सों में कोरोना का यह ट्रिपल म्यूटेशन वेरिएंट मिलने की खबर है। एनडीटीवी की खबर के मुताबिक, महाराष्ट्र, दिल्ली और पश्चिम बंगाल में यह ट्रिपल म्यूटेंट वायरस मिला है।

    वैज्ञानिकों का मानना है कि दुनियाभर में कोरोना के तेज रफ्तार से बढ़ते मामलों की वजह इसके नए वेरिएंट ही हैं। दरअसल, वायरस जितना फैलता है, यह अपनी कई कॉपी बनाता है और इसमें कई बदलाव होते हैं।

    क्या है ट्रिपल म्यूटेशन?

    भारत में इससे पहले डबल म्यूटेशन वाला वेरिएंट मिला था यानी जिसमें कोरोना के दो अलग स्ट्रेन मिल गए हों। अब मिले ट्रिपल म्यूटेशन वेरिएंट में कोरोना के तीन स्ट्रेन मिल गए हैं। अभी तक महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और दिल्ली में कोरोना के ट्रिपल म्यूटेशन वेरिएंट के मिलने की खबर है।

    क्या ट्रिपल म्यूटेशन संक्रामक है?

    विशेषज्ञों का मानना है कि वायरस में हो रहे म्यूटेशन की वजह से ही सिर्फ भारत नहीं बल्कि पूरी दुनिया में कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं। हालांकि, ट्रिपल म्यूटेशन वेरिएंट कितना घातक है या यह कितनी तेजी से फैलता है, इसका पता लगाने के लिए अभी शोध करने पड़ेंगे। मौजूदा समय में भारत की 10 लैब में वायरस की जीनोम सिक्वेंसिंग हो रही है।

    डबल म्यूटेंट की वजह से न सिर्फ रोजाना आने वाले मामले तेजी से बढ़े बल्कि इस बार बच्चों पर भी यह वायरस असर कर रहा है।

    क्या मौजूदा वैक्सीन इसके खिलाफ कारगर रहेगी?

    ट्रिपल म्यूटेशन के तीन में से 2 स्ट्रेन ऐसे हैं जो घातक साबित हो सकते हैं। हालांकि, अभी तक वैक्सीन का इस वेरिएंट पर असर होगा या नहीं, इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इस नए वेरिएंट में शरीर के अंदर प्राकृतिक तौर कोरोना के खिलाफ बनी इम्यूनिटी को बेअसर करने की क्षमता है।

    By आदित्य सिंह

    दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास का छात्र। खासतौर पर इतिहास, साहित्य और राजनीति में रुचि।

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