टीम इंडिया ने टेस्ट सीरीज जीतकर ऑस्ट्रेलिया में इतिहास रचा था और नए साल की शुरुआत क्रिकेट प्रेमियों के लिए अच्छी रही थी। लेकिन बहुत कम लोगों ने इस विवाद को भारतीय क्रिकेट में देखा था। हार्दिक पांड्या और केएल राहुल ने टॉक शो कॉफ़ी के लिए करण के साथ एक एपिसोड शूट किया था और इसे जनवरी के पहले सप्ताह में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन मैचों की एकदिवसीय श्रृंखला से पहले प्रसारित किया गया था। तब से दोनों क्रिकेटरों के लिए चीजें कभी पहले जैसी नही रही थी।
अपनी विवादस्पद टिप्पणियो के लिए इन दोनो खिलाड़ियो को बहुत आलोचनाए सुनने को मिली थी और बीसीसीआई ने भी दोनो खिलाड़ियो को उसी समय ऑस्ट्रेलयिा के खिलाफ वनडे सीरीज से देश वापस बुला लिया था। जिसके बाद दोनो खिलाड़ियो को एक बहुत बड़ा लगा। जिसे ओपनर खिलाड़ी केएल राहुल बहुत परेशान दिख रहे थे क्योंकि वह उस दौरान अपने बल्ले से भी प्रदर्शन देने में नाकाम रहे थे, और ऑस्ट्रेलिया वनडे सीरीज से बाहर होना उनके लिए एक बड़ा धक्का था। उसके बाद हार्दिक पांड्या को तो टीम में न्यूजीलैंड के खिलाफ राष्ट्रीय टीम में जगह मिल गई थी लेकिन राहुल को घर में इंडिया-ए के लिए खेलना पड़ा।
मुझे राष्ट्रीय स्तर पर नफरत मिल रही थी
लेकिन केएल राहुल ने उस कठिन समय को याद करते हुए खुलासा किया है कि, एक स्तर पर, उन्होंने विवाद के दौरान खुद पर संदेह करना शुरू कर दिया था। उन्होंने स्वीकार किया कि एक व्यक्ति और एक क्रिकेटर के रूप में भी उनके लिए यह बहुत कठिन दौर था। उन्होंने यह भी कहा कि गाथा ने उन्हें बहुत कुछ सिखाया है और अब वह अधिक परिपक्व व्यक्ति हैं।
उन्होने कहा, ” पिछले दो महीने मेरे लिए बहुत मुश्किल रहे है। जब यह हुआ मैं एक व्यक्ति के रुप में खुद के ऊपर संदेह करने लगा। मुझे राष्ट्रीय स्तर पर नफरत मिल रही थी और यह मेरे लिए आसान नही था। मुझे लगता था कि मैं अच्छा इंसान हूं और फिर मुझे विश्वास होने शुरु हो गया।
इंडिया टुडे को दिए एक इंटरव्यू में राहुल ने कहा, ” मैं तैयार नही था, इसलिए मैं घर से निकल रहा था। मैं केवल प्ले-स्टेशन पर गेम खेल रहा था। इस परिणाम के बाद मैं और ज्यादा शांत और परिपक्व हो गया हूं। इससे मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला है और इसने मुझे और मजबूत बनाया है।”