केरल के कासरगोड में दो कांग्रेसी युवा नेताओं की हत्या का आरोप माकपा पर जा रहा है। कांग्रेस ने केरल में सत्तारुढ़ माकपा के साथ लोकसभा चुनाव में किसी भी तरह का गठबंधन करने से इंकार कर दिया है।
बीते हफ्ते 10 फरवरी को एक सभा में केरल के कांग्रेस अध्यक्ष मुल्लापल्ली रामचंद्रन ने कहा था कि,”हम आगामी चुनाव की रणनीतियों को लेकर वर्तमान सरकार से बात करने के इच्छुक हैं। यदि माकपा चाहे तो हम एकसाथ धर्मनिरपेश तरीके के साथ चुनाव लड़ सकते हैं।” फिलहाल रामचंद्रन महा जन यात्रा पर हैं। मार्च के महीने में वापस लौटकर वे कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं से मिलेंगे और केरल में पार्टी के कार्यकर्ताओं को मजबूत करने का काम करेंगे। उनकी यह यात्रा बीते 3 फरवरी को कासरगोड से शुरु हुई थी।
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक केरल कांग्रेस के एक नेता ने नाम न लिखने की शर्त पर बताया कि केंद्रीय नेतृत्व ने हाल ही में लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को सत्ता से बाहर करने के लिए दक्षिणी राज्य में प्रतिद्वंद्वी माकपा के साथ व्यापार करने की अपनी इच्छा का संकेत दिया था। उन्होंने अपनी बात रखने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और माकपा महासचिव सीताराम येचुरी के बीच ”बढ़ती नजदीकियों” का हवाला दिया।
लेकिन कासरगोड की घटना के बाद दोनों दलों के बीच गठबंधन के आसार न के बराबर रह गए है। दो युवा कांग्रेसी कार्यकर्ता कृपेश (24) और शरथ लाल (21) पर रविवार रात कासरगोड के पेरिया में एक समारोह में भाग लेने के बाद घर लौटते समय अज्ञात हमलावरों द्वारा हमला कर दिया गया।
The brutal murder of two members of our Youth Congress family in Kasargod, Kerala is shocking. The Congress Party stands in solidarity with the families of these two young men & I send them my deepest condolences. We will not rest till the murderers are brought to justice.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 18, 2019
हालांकि इन हत्याओं के लिए कांग्रेस ने सीपीआई (एम) को कटघरे में लिया है। लेकिन सत्ता पक्ष ने इन सभी आरोपों को खारिज किया है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रमेश चेन्निथला ने कहा, “दोनों के साथ आने का कोई सवाल ही नहीं है। सीपीआई (एम) हत्यारों की पार्टी है, हम इनके साथ नहीं आएंगे।” उनकी बात का समर्थन करते हुए सहयोगी बीएस शिजू ने कहा, “राज्य में आए दिन इस तरह की राजनीतिक हत्याओं को अंजाम दिया जा रहा है। कांग्रेस के कार्यकर्ता माकपा के साथ किसी भी तरह के गठबंधन के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि, “हम एक ऐसी पार्टी के साथ गठबंधन कैसे कर सकते हैं जो हमारे लोगों को बेरहमी से मार रही है? राहुलजी और पश्चिम बंगाल के नेताओं (कांग्रेस के लिए) से हमारी अपील है कि कृपया वे भी वामपंथियों की पार्टी के साथ कोई तालुक्क न रखें।”
वहीं मुख्यमंत्री ने इन आरोपों को खारिज कर दिया और कहा, “माकपा ने कभी भी हिंसा को बढ़ावा नहीं दिया। राज्य में यदि माकपा के कार्यकर्ताओं को अपराध में शामिल पाया जाता है, तो उन्हें पार्टी से तुरंत निकाल दिया जाएगा। उन्हें न केवल कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा, बल्कि पार्टी के कड़े कदमों को भी सहना होंगा।”