आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को कहा कि उनकी पार्टी ने राष्ट्रीय राजधानी में राजनीतिक रवायत को बदला है और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) यहां हिंदू-मुस्लिम की राजनीति नहीं कर पाएगी। आप की राष्ट्रीय परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा कि पार्टी को चाहिए कि वह अपनी पूरी ताकत का इस्तेमाल अगले साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव के लिए करे, क्योंकि इस बार लक्ष्य और भी बड़ा है।
केजरीवाल ने कहा, “हम ऐसी पहली पार्टी हैं, जो काम के नाम पर वोट मांगती है न कि धर्म के आधार पर। हम राजनीतिक रवायत में बड़ा बदलाव लेकर आए हैं।”
मुख्यमंत्री ने कहा, “हरियाणा में भाजपा ने जाट और गैर-जाट के नाम पर वोट मांगे। गुजरात और देश के अन्य हिस्सों में वे हिंदू-मुस्लिम के नाम पर वोट मांगते हैं। लेकिन जब वे दिल्ली में आए तो उन्होंने अनधिकृत कॉलोनियों के बारे में चर्चा की। वे (भाजपा) दिल्ली में हिंदू-मुस्लिम की राजनीति नहीं कर पाएंगे।”
उन्होंने कहा, “हमारे लिए लोग कहा करते थे कि यह एक लहर है, जो कुछ दिनों में खत्म हो जाएगी। लेकिन हमने बड़ी कामयाबी देखी। चुनाव जीतना मुश्किल काम था, लेकिन उसके बाद की यात्रा और अधिक मुश्किल थी। लोग हमारे बारे में कई प्रकार की बातें करा करते थे। लेकिन पांच साल सत्ता में रहने के बाद विपक्ष को भी लगता है कि हम अच्छी सरकार चला रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि पिछली बार की तुलना में इस बार लक्ष्य और बड़ा होना चाहिए।
केजरीवाल ने कहा, “पिछली बार हमें 67 सीटें मिली थी, इस बार इससे कम बिल्कुल नहीं होना चाहिए। हमें खुद को तैयार करना होगा। दिल्ली के चुनाव खत्म होने के बाद हम अपने अगले कदम की तैयारी करेंगे।”