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    मोदी सरकार

    कल शेयर बाज़ार में मचे हाहाकार से एक ओर निवेशकों को जहाँ 4 लाख करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा, वहीं इस नुकसान के बाद अब सरकार ने कुल 15 वस्तुओं पर पर लगे आयात कर को और बढ़ा दिया है।

    इन सभी वस्तुओं में आयात कर में 20 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की गयी है, यह बढ़ोतरी शुक्रवार से ही प्रभावी है।

    वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक चालू खाते में आने वाले घाटे (सीएडी) को कम करने के लिए सरकार एनआरआई लोगों से बात कर उन्हे बॉन्ड जारी करने पर विचार कर रही है। इस वर्ष अप्रैल-जून की तिमाही में ये घाटा 15.8 अरब डॉलर का था, जो कि देश की कुल जीडीपी का 2.4 % है।

    सूत्रों के अनुसार जिन सामानों में आयात कर को बढ़ाया गया है, उनमें प्रिंटेड सर्किट बोर्ड समेत अन्य 14 वस्तुएं हैं। इस सभी वस्तुओं में 10 प्रतिशत तक के सीमा शुल्क में बढ़ोतरी की गयी है। सर्किट बोर्ड के अलावा मॉडम व अन्य डिजिटल वस्तुओं पर ये कर बढ़ाया गया है।

    मंत्रालय द्वारा ये निर्देश शाम को शेयर बाज़ार के नकारात्मक प्रदर्शन के बाद ही दिया गया है। उम्मीद है कि इस तरह से अब सब घरेलू व्यापारियों को भी नुकसान का सामना करना होगा।

    कल बाज़ार में आए भूचाल को लेकर वित्त मंत्रालय ने बताया है कि ये वैश्विक कारणों से हुआ है। एक ओर जहाँ आरबीआई ने अपनी रेपो रेट को न बदलकर निवेशकों को निराश किया था, वहीं दूसरी ओर सरकार भी बाज़ार को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है।

    हालाँकि इन सब के बीच राहत की बात ये हैं कि पिछली छः तिमाही में यह पहली बार हुआ है, जब राजकोषीय घाटे में कमी आई हो। इस तिमाही राजकोषीय घाटा 11.4 अरब डॉलर से घट कर 11.3 अरब डॉलर पर आ गया है।

    इसका मुख्य कारण सरकार द्वारा करों में कटौती न करना माना जा रहा है।

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