किसान आंदोलन लगातार डेढ़ महीने से चल रहा है। कड़ाके की सर्दी और कोरोना के बीच किसान सड़कें घेर कर बैठे हैं। इस आंदोलन में बहुत से राजनीतिक दांवपेंच, भाषणबाजी व राजनीति हो चुकी है। वहीं बहुत से लोग अपनी जान भी गंवा चुके हैं। आज गाजीपुर बॉर्डर पर एक किसान ने आत्महत्या कर ली। मौके पर सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है। इससे पहले भी एक व्यक्ति ने आंदोलन स्थल से पांच किलोमीटर दूर जाकर सुसाइड कर लिया था।
सुसाइड नोट में मृत किसान ने सरकार पर गम्भीर आरोप लगाये हैं। किसान ने सुसाइड नोट में लिखा कि हम आखिरकार कब तक सर्दी में बैठे रहेंगे। किसानों की बात सरकार सुन ही नहीं रही है। मृतक किसान का नाम कश्मीर सिंह है। उन्होंने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि उनका अंतिम संस्कार भी धरना स्थल पर ही कर दिया जाये।
किसानों की मांगे पूरी नहीं हो पा रही है। सरकार अपनी तरफ से जो समाधान पेश कर रही है, उनपर किसान सहमत नहीं हो रहे हैं। किसानों ने चार मांगे रखी थी, जिनमें दो पर किसानों व सरकार के बीच सहमति बन गयी है। बाकी की मांगों पर चर्चा के लिये जल्द ही दूसरी मीटिंग तय की गई है।
किसानों ने यह तय किया है कि जबतक सारी मांगे पूरी नहीं होती तब तक कोई धरना स्थलों से नहीं उठेगा और ये आंदोलन यूं ही जारी रहेगा। किसान दिल्ली जाने वाले सभी बॉर्डर घेर चुके हैं। लेगों को आवाजाही में परेशानी हो रही है। साथ ही लम्बे जाम का भी सामना करना पड़ रहा है। इस आंदोलन के चलते अलग अलग कारणों से लगभग तीस लोगों की मृत्यु हो चुकी है। आज की घटना ने इस फेहरिस्त में एक और नाम जोड़ दिया है। किसानों की मृत्यु बेहद दुखद है और सरकार को तुरंत इस मुद्दे पर संज्ञना लेना चाहिए।