किसानों को सड़क पर आंदोलन करते हुए आज 33 दिन हो चुके हैं।साथ ही सरकार की तरफ से आये बातचीत के प्रस्ताव को किसान स्वीकार कर चुके हैं। लेकिन किसानों ने बातचीत के लिये पहले ही 4 शर्तें भी रखीं थी। मीटिंग मंगलवार को ग्यारह बजे होनी तय हुई है। लेकिन सरकार की तरफ से उन चार शर्तों पर कोई जवाब अभी तक नहीं आया है। किसानों को तीन दिन से सरकार के जवाब का इंतजार है। किसानों को उम्मीद है कि शाम तक सरकार की तरफ से कोई जवाब आ सकता है।
किसानों की बातचीत से पहले सबसे पहली शर्त ये है कि पूरा कानून वापस लिये जाने की संभावना की दिशा में बातचीत की जायेगी। दूसरी शर्त ये है कि न्यून्यतम समर्थन मूल्य यानी MSP को कानूनी गारन्टी बनाया जाये। तीसरी शर्त है की एअर क्वालिटी कानून के तहत सजा का प्रावधान किसानों पर लागू न किया जाये। साथ ही बिजली संबंधी कानून में परिवर्तन का मुद्दा चौथी शर्त बताई जा रही है। इन सभी शर्तों को सरकार द्वारा माने जाने की बात पर किसान अड़े हैं। अब पूरी बात सरकार पर निर्भर है। यदि सरकार इन शर्तों को मानती है तो बातचीत का कोई सकारात्मक हल निकल सकता है।
इसी बीच खबर है कि आंदोलन में शामिल पंजाब के सीनियर वकील अमरजीत सिंह राय ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली है। अमरजीत राय पंजाब के फाजिल्का जिले के निवासी थे। वे किसान आंदोलन में आत्महत्या करने वाले दूसरे शख्स हैं। इससे पहले भी एक किसान ने आंदोलन के बीच आत्महत्या कर ली थी। वहीं अबतक 26 लोग आंदोलन में अलग अलग वजहों से अपनी जान गंवा चुके हैं। अमरजीत ने आंदोलन स्थल से 5 किलोमीटर दूर जाकर जहर खा लिया। बताया जा रहा है कि उनके पास से सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है।