अफगानिस्तान के काबुल में ब्रिटेन सुरक्षा कर्मियों के समूह जी4एस के परिसर पर बुधवार को हमला कर दिया गया था।इस हमले में 10 लोगों की मौत हो गयी थी और 19 लोग जख्मी है। अभ्यंतर मंत्रालय ने कहा कि परिसर के नजदीक कार में बम विस्फोट के बाद कई बंदूकधारी परिसर में घुस गए थे और सुरक्षा कर्मियों से भीड़ गए थे।
अफगानिस्तान के राष्पति अशरफ गनी ने संयुक्त राष्ट्र की जेनेवा में आयोजित सभा में तालिबान के साथ शांति समझौता साझा किया था। अमेरिका के विशेष शांति दूत ज़लमय खलीलजाद की अफगानिस्तान में नियुक्ति के बाद तालिबान के साथ शांति वार्ता संभव हो सकी है। अफगानिस्तान में हर साल हिंसा के कारण हजारों लोग इस जंग में कुर्बानी देते थे।
मंगलवार को तीन अमेरिकी सदस्यों की घजनी में हत्या कर दी गयी थी और अमेरिका द्वारा हवाई हमले में 30 अफगान नागरिकों की मौत हो गयी थी।
अफगानिस्तान में तैनात अमेरिकी सैनिकों को शुक्रिया अदा करते हुए डोनाल्ड ट्रम्प ने वायु सेना के सचिव से कहा कि मैं जल्द ही सैनिकों को अमेरिका में वापस देखूंगा या मुमकिन हैं, मैं सैनिकों से अफगानिस्तान में ही मुलाकात करूँ। उन्होंने कहा कोई नहीं जानता क्या होने वाला है।
अफगानिस्तान में अमेरिका ने लगभग 14 हज़ार सैनिक तैनात किये हुए हैं। यह सैनिक अफगानिस्तान के सैनिकों को प्रशिक्षण में सहायता करते हैं साथ ही इस्लामिक स्टेट जैसे आतंकी समूहों के खिलाफ अभियान के बारे में निर्देश भी देते हैं। तालिबान के लगातार हमलों के बाद अमेरिका के सैनिक साल 2001 में इस अभियान का हिस्सा बने थे। तालिबान का सितम्बर 2011 में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए हमले में भी हाथ था।
हाल ही में रूस ने अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता के लिए चरमपंथी तालिबान समूह के साथ शांति वार्ता का आयोजन किया था।
हाल ही में अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में एक आत्मघाती हमलावर ने इस्लामिक जानकारों की एक सभा को निशाना बनाया था। इस हमले में 50 नागरिकों की मौत हो गयी है। इस दिन दुनिया भर के मुस्लिम पैगम्बर मोहम्मद की सालगिरह मनाते हैं। जन स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता वाहिद मज्रोह ने कहा कि इस हमले में 80 नागरिक घायल हुए हैं, 20 लोगों की हालत नाजुक है