सोमवार को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में धमाका हुआ, इस आत्मघाती हमले में कुल 25 लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी। दो आत्मघाती हमलावरों ने इस धमाके को अंजाम दिया। दोनों धमाकों के बीच कुछ मिनिटों का अंतर था। मृतकों में अन्तर्राष्ट्रीय न्यूज़ एजेंसी ऐएफपी की अफगानिस्तान प्रमुख शाह मरई और अन्य 9 पत्रकार भी हैं।
अफगान पुलिस के प्रवक्ता के अनुसार दूसरा आत्मघाती हमला, पहले धमाके के कुछ मिनिट बाद हुआ और इस बार निशाने पर पत्रकार थें। हमलावर पत्रकारों के रूप में था और उसके मौका देख कर खुद को उड़ा दिया।
अफगानिस्तान में इस वर्ष अक्टूबर में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने वाले हैं। पिछले दिनों ,मुहम्मद अशरफ घनी के सरकार द्वारा दिए गए शांति वार्ता के निमंत्रण को ठुकराते हुए तालिबान ने लोगों से चुनाव में हिस्सा न लेने की नसीहत दी थी और उनको चुनावी मतदान केन्द्रों से दूर रहने को कहा था।
इस हमले के कुछ दिन पहले मतदाता पंजीकरण केंद्र पर हमला हो चूका हैं, जिसमे 60 लोगों की मौत हुई थी। इससे नियोजित अध्यक्षीय चुनाव में खतरे के आसार दिख रहे हैं।
पहला धमाका अफगानिस्तान इंटेलिजेंस सर्विस की इमारत के पास शाशदराक इलाके में हुआ और दूसरा धमाका अफगानिस्तान के शहरी विकास मंत्रालय के बाहर हुआ। अफगान गृह मंत्रालय के प्रवक्ता नजीब दानिश के अनुसार पहले धमाके में चार लोगों की मौत हुई और पांच लोग गंभीर रूप से घायल हुए। पहले धमाके की खबर मिलते ही कई पत्रकार धमाके के जगह पर पहुंचे और उसकी वक्त दुसरे धमाके को अंजाम दिया गया।
इस्लामिक स्टेट ने इस धमाके की जिम्मेदारी ली है। इस्लामिक स्टेट के अनुसार पहले आत्मघाती हमलावर ने अफगान इंटेलिजेंस सर्विस के मुख्य कार्यालय को हानी पहुंचाई और दुसरे हमलावर के निशाने पर पत्रकार थें।
इस्लामिक स्टेट के अनुसार पहले हमलावर का नाम काका अल-कुर्दी और दुसरे हमलावर का नाम खलील अल-कुरैशी था।
अफगानिस्तान स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक इस हमले में कुल 21 लोगों की मौके पर मौत हो चुकी थी और 27 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
तालिबान ने पिछले सप्ताह में अपनी वार्षिक युद्ध नीति का एलान किया था। उसके बाद देश के कई हिस्सों में तालिबान द्वारा हमलों में बढ़ोतरी हो रही हैं। तालिबान अफगानिस्तान को कट्टर इस्लामी विचारधारा वाला देश बनाना चाहता हैं और इस्लामिक स्टेट, तालिबान को इसे पूरा करने में मदत कर रहा हैं।