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    नरेन्द्र मोदी नेपाल दौरा

    चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ वुहान शहर में सफल “अनौपचारिक वार्ता” करने के बाद, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने पड़ोसी देश नेपाल और बांग्लादेश पर ध्यान केन्द्रित किये हुए हैं।

    भारतीय विदेश नीति के नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी में नेपाल और बांग्लादेश का महत्त्वपूर्ण स्थान हैं। भारतीय उपमहाद्वीप में शांति और स्थिरता बनाये रखने के किये, पड़ोसी देशों में स्थिरता और विश्वास का होना जरुरी हैं।

    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 11 मई को नेपाल जाएँगे। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधो को मजबूती देने के लिए और भारत की नेपाल के विकास के प्रति कटिबद्धता को दर्शाने के लिए यह दौरा महत्वपूर्ण हैं।

    अप्रैल के शुरुवाती दिनों में नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने भारत का दौरा किया था। इस दौरे में दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने कई अहम घोषनाए की थी। दोनों देशों को सड़क और हवाई मार्गे से जोड़ना और आवाजाही को आसान बनाना इनपर दोनों नेता सहमत हुए थे।

    प्रधानमंत्री मोदी के नेपाल यात्रा के बाद, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना भारत का दौरा करेंगी। शेख हसीना प्रधानमंत्री मोदी जी से द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगी।

    इससे पहले दोनों प्रधानमंत्री पश्चिम बंगाल के शांतिनिकेतन भी जाएंगे, वे विश्व भारती यूनिवर्सिटी में बनाये गए बांग्लादेश भवन का उद्घाटन करेंगे। बांग्लादेश भवन को बांग्लादेश सरकार द्वारा की गयी आर्थिक सहायता से बनाया गया हैं।

    बांग्लादेश में बुनियादी विकास कार्यों में भारत बांग्लादेश की सहायता कर रहा हैं। देश में चल रहे कई विकास कार्यों का नेतृत्व भारतीय कर रहे हैं। बांग्लादेश में इस साल संसदीय चुनाव होने वाले हैं, इसलिए शेख हसीना जी का यह दौरा काफी अहमियत रखता हैं। भारत नहीं चाहता की कट्टर इस्लामी विचारधारा वाले राजनितिक दल बांग्लादेश में सत्ता में आये। मौजूदा प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग भी कट्टरपंथी विचारों के विरोध में हैं।

    अप्रैल में लंदन में आयोगित कॉमनवेल्थ हेड ऑफ़ गवर्नमेंट्स की बैठक में नरेन्द्र मोदी और शेख हसीना के बीच मुलाकात हो चुकी हैं। भारत की आतंकवाद विरोधी गतिविधियों को शेख हसीना ने खुलकर समर्थन किया था।

    प्रधानमंत्री मोदी की अपने नेपाली और बांग्लादेशी समकक्षों के साथ की गई मुलाकात, इस साल नेपाल में होने वाली बिम्सटेक समिट के मद्देनजर काफी अहम हैं। पड़ोसियों के साथ की गयी वार्ता के बाद प्रधानमंत्री इंडोनेशिया और सिंगापोर का दौरा करेंगे।

    भारत के एक्ट ईस्ट पॉलिसी में दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों का महत्वपूर्ण स्थान हैं, यह देश ना सिर्फ भारत के करीब है बल्कि इन देशों में अप्रवासी भारतीयों की संख्या भी उल्लेखनीय हैं। प्रधानमंत्री मोदी सिंगापोर के अपने दौरे में शांगरी-ला डायलॉग को भी संबोधित करेंगे, ऐसा करने वाले वे पहले भारतीय प्रधानमंत्री होंगे।

    By प्रशांत पंद्री

    प्रशांत, पुणे विश्वविद्यालय में बीबीए(कंप्यूटर एप्लीकेशन्स) के तृतीय वर्ष के छात्र हैं। वे अन्तर्राष्ट्रीय राजनीती, रक्षा और प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेज में रूचि रखते हैं।

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