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    गैंडा

    गुवाहाटी, 9 जुलाई (आईएएनएस)| असम के गोलाघाट जिले में काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान के अधिकारियों ने बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए तैयारी शुरू कर दी है क्योंकि ब्रह्मपुत्र नदी मूसलाधार बारिश के कारण खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।

    एक सींग वाले गैंडे की आबादी के लिए मशहूर यह पार्क मई में पर्यटकों के लिए बंद हो जाता है ताकि अधिकारी जून से शुरू होने वाले बाढ़ के सीजन की तैयारी कर सकें।

    यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत स्थल घोषित यह पार्क नवंबर में फिर से खुलता है।

    पार्क के निदेशक शिव कुमार ने सोमवार को आईएएनएस को बताया, “हम बाढ़ के मौसम के लिए तैयार हैं। हमने पार्क के अंदर सभी 200 हाइलैंड्स की मरम्मत का काम पूरा कर लिया है, जहां जानवर शरण ले सकते हैं। पार्क और उसके आसपास और स्थानीय ग्रामीणों के साथ काम करने वाले गैर सरकारी संगठनों के साथ बैठकें की गईं ताकि बाढ़ की स्थिति में जानवरों को बचाया जा सके और उनकी मदद की जा सके।”

    केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) ने सोमवार को जानकारी दी कि ब्रह्मपुत्र नदी धनसिरी के निमाटीघाट में खतरे के स्तर से ऊपर बह रही है, जबकि सोनितपुर जिले में कुछ स्थानों पर जिया भराली नदी में बहाव ज्यादा है।

    काजीरंगा ब्रह्मपुत्र के उत्तरी छोर पर स्थित है।

    निदेशक ने कहा, “कल (मंगलवार) तक बाढ़ का पानी पार्क में प्रवेश कर सकता है। अरुणाचल प्रदेश में ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में बारिश हुई है, लेकिन यहां तक पानी को पहुंचने में कम से कम 48 घंटे लगते हैं। हम तैयार हैं और स्थिति से निपटने के लिए सभी आवश्यक सावधानी बरत रहे हैं।”

    पार्क के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हमने राष्ट्रीय राजमार्ग 37 पर एक गति सीमा को भी लागू करना शुरू कर दिया है जो पार्क की दक्षिणी सीमा को छूता है। जाखलबंधा से नुमालीगढ़ तक पार्क क्षेत्र से गुजरने वाले वाहनों को अपनी गति सीमा को अधिकतम 40 किलोमीटर प्रति घंटा रखने के लिए कहा गया है, ताकि सड़क पार करते समय कोई जानवर न टकराए।”

    भीषण बाढ़ के दौरान, कुछ जानवर कारबी आंगलोंग जिले में ऊंची जगहों पर जाने के लिए राजमार्ग को पार करते हैं जो कि एनएच 37 के दूसरी तरफ है।

    आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2017 में काजीरंगा में बाढ़ के कारण 360 से अधिक जानवर डूब गए, जिनमें से 31 गैंडे थे।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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