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    गुरदासपुर उपचुनाव

    पंजाब के गुरदासपुर में हुए लोकसभा उपचुनावों में कांग्रेस उम्मीदवार सुनील जाखड़ ने भाजपा के सवर्ण सलारिया को 1,93,219 मतों से हरा दिया है। इस सीट पर पहले भाजपा का कब्जा था। मशहूर फिल्म अभिनेता और राजनीतिज्ञ विनोद खन्ना के निधन से खाली हुई गुरुदासपुर की सीट पर 11 अक्टूबर को उपचुनाव कराए गए थे। यह जीत कांग्रेस के लिए दीवाली गिफ्ट की तरह है। सियासी महकमों में यह चर्चा चल रही है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी दीवाली बाद कांग्रेस की कमान संभाल सकते हैं। ऐसे में भाजपा के कब्जे वाली गुरदासपुर सीट पर कांग्रेस की बड़ी जीत उनका मनोबल बढ़ाने का काम करेगी। कांग्रेस कायकर्ताओं ने पार्टी मुख्यालयों पर पटाखे जलाकर और मिठाइयां बाँटकर इस जीत का जश्न मनाया।

    भाजपा पर हासिल हुई इस बड़ी जीत से कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता बहुत खुश नजर आए। गुरदासपुर से नवनिर्वाचित सांसद सुनील जाखड़ ने चुनावी नतीजों पर प्रसन्नता जताते हुए कहा, “गुरदासपुर के लोगों ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की नीतियों को लेकर अपनी नाराजगी का सख्त संदेश दिया है।” पंजाब के मुख्यमंत्री और दिग्गज कांग्रेसी नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, “गुरदासपुर के लोगों को भरोसा दिलाता हूँ कि सुनील जाखड़ के किए प्रत्येक वादे पूरे किए जाएंगे और सभी विकास कार्यों को फास्ट ट्रैक पर किया जाएगा।” पंजाब विधानसभा चुनावों के वक्त भाजपा छोड़ कांग्रेस का दामन थामने वाले पूर्व क्रिकेटर और राजनेता नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा, “यह जीत हमारे भावी पार्टी अध्यक्ष राहुल गाँधी के लिए लाल फीते में लिपटा खूबसूरत दिवाली गिफ्ट है।”

    यह रहा वोटों का गणित

    गुरदासपुर लोकसभा सीट के लिए 11 अक्टूबर को उपचुनाव हुए थे। उपचुनावों में कुल 56 फीसदी मतदान हुआ था। शुरुआत में इस सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय बनता नजर आ रहा था पर चुनाव परिणाम आने के बाद यह अनुमान गलत साबित हुआ। कांग्रेस उम्मीदवार सुनील जाखड़ को 4,99,752 मत मिले वहीं भाजपा उम्मीदवार सवर्ण सलारिया को 3,06,533 मत मिले। तीसरे स्थान पर रहे आप उम्मीदवार लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सुरेश खजूरिया को 23,579 मतों से ही संतोष करना पड़ा। 7,587 लोगों ने नोटा का विकल्प चुना।

    आप उम्मीदवार लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सुरेश खजूरिया ने पंजाब के सत्ताधारी दल कांग्रेस पर उपचुनाव में अलोकतांत्रिक तरीका अख्तियार करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “सत्तारूढ़ दल ने इन चुनावों में अलोकतांत्रिक तरीकों का सहारा लिया। उपचुनाव के दौरान लोग डरे हुए थे और युवा लगभग नदारद थे। अगर उनकी (कांग्रेस की) जीत होती है, तो वह सम्मानजनक नहीं होगी।” वहीं पूर्व क्रिकेटर और कांग्रेसी नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा, ” यह ‘जीजा-साले’ (शिअद प्रमुख सुखबीर बादल और बिक्रम सिंह मजीठिया) के चेहरे पर बड़ा तमाचा है। आज भाजपा यह समझ जाएगी कि अकाली दल पंजाब में बड़ा बोझ बन गई है। बार-बार पंजाब के लोगों ने उनको इसकी याद दिलाई है।”

    भाजपा का गढ़ माना जाता है गुरदासपुर

    पंजाब की गुरदासपुर लोकसभा सीट पर भाजपा का रिकॉर्ड बहुत अच्छा रहा है। इस वजह से इसे सूबे में भाजपा का गढ़ भी माना जाता है। यह सीट प्रसिद्द फिल्म अभिनेता और राजनीतिज्ञ विनोद खन्ना के निधन से खाली हुई थी। विनोद खन्ना अब तक 4 बार गुरदासपुर संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके थे। विनोद खन्ना के निधन से खाली हुई गुरदासपुर सीट पर 11 अक्टूबर को मतदान कराया गया था। उपचुनावों में 56 फीसदी मतदान दर्ज किया गया था जो 2014 लोकसभा चुनावों में हुए 70.03 फीसदी के मुकाबले काफी कम था। गुरदासपुर की सीट पर कांग्रेस के हाथ लगी यह जीत सियासी लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है। कुछ महीनों बाद ही हिमाचल प्रदेश और गुजरात में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में गुरदासपुर की जीत से कांग्रेस को भाजपा के ऊपर मनोवैज्ञानिक बढ़त मिलेगी।

    By हिमांशु पांडेय

    हिमांशु पाण्डेय दा इंडियन वायर के हिंदी संस्करण पर राजनीति संपादक की भूमिका में कार्यरत है। भारत की राजनीति के केंद्र बिंदु माने जाने वाले उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले हिमांशु भारत की राजनीतिक उठापटक से पूर्णतया वाकिफ है।मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक करने के बाद, राजनीति और लेखन में उनके रुझान ने उन्हें पत्रकारिता की तरफ आकर्षित किया। हिमांशु दा इंडियन वायर के माध्यम से ताजातरीन राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर अपने विचारों को आम जन तक पहुंचाते हैं।