भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता रद्द होने के बाद पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह मेहमूद कुरैशी ने बयान दिया कि नई दिल्ली के वार्ता रद्द कर देने के बावजूद इस्लामाबाद इन इलाकों में शान्ति के प्रयास को नहीं रोकेगा।
अमेरिका में स्थित पाकिस्तान दूतावास में मीडिया को को सम्बोधित करते हुए कहा कि भारत ने जुलाई में हुई घटना के कारण वार्ता रद्द कर दी जबकि बातचीत के लिए हामी नई दिल्ली ने सितम्बर में भरी थी।
भारत ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र कि बैठक से इतर होने वाली द्विपक्षीय वार्ता को जम्मू कश्मीर में तीन पुलिसकर्मियों कि निर्मम हत्या और बुरहान वानी के नाम कि स्टाम्प जारी करने की वजह से निरस्त कर दिया था।
भारत वार्ता के लिए इच्छुक नहीं है लेकिन हम अपने दरवाजे बंद नहीं करेंग। उन्होंने कहा विवादों को छुपाने से वे ख़त्म नहीं हो जाएंगे। ये रवैया कश्मीर की स्थिति को नहीं सुधार सकता।
पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने कहा कि भारत का शान्ति वार्ता को रद्द करने का निर्णय उनकी समझ से परे है। शाह कुरैशी ने कहा कि भारत का पाकिस्तान कि ओर से दिया शान्ति प्रस्ताव का जवाब देने का तरीका बेहद निष्ठुर और गैर कूटनीतिक था।
उन्होंने कहा पाकिस्तान ने कूटनीतिक भाषा में वार्ता बहाल करने का सन्देश भेजा था। हमारा जवाब नपा-तुला था लेकिन उन्होंने नया पैंतरा अपनाया और अपने पैर वापस खींच लिए। भारत और पाक के बीच जंग छिड़ जाने का जवाब देते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि वह युद्ध के बारे में बात नहीं कर रहे है।
वह शान्ति, स्थिरता, रोजगार और जीवनशैली सुधारना चाहते हैं। उन्होंने कहा वह शान्ति चाहते है इसका मतलब यह नहीं कि पाकिस्तान कमजोर है।
उन्होंने कहा वह अमन चाहते है लेकिन पाकिस्तान अपनी रक्षा को तत्पर है। बुरहान वानी के नाम की डाक टिकट जारी करने के बाबत उन्होंने कहा की कश्मीर में हज़ारों लोग लड़ रहे हैं, सभी आतंकवादी नहीं है। पाक के आतंकवादी समूहों ने जनवरी, 2016 में भारतीय मिलिट्री कैंप में हमला किया था जिसके बाद से दोनों देशों के बीच वार्ता बंद है।