संयुक्त राष्ट्र में भारत और पाकिस्तान के बीच उठाये गए कश्मीर विवाद के मुद्दे पर चीन ने पाकिस्तान का पक्ष लेने से इंकार कर दिया है। चीनी विदश मंत्री ने कहा है कि पाकिस्तान और भारत को मिलकर इस मामले को सुलझाना चाहिए।
दरअसल कल पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र के मंच से कहा था कि भारत का कश्मीर में होना मानवीय अधिकारों का उल्लंघन है। उन्होंने कहा था कि कश्मीर मुद्दा सुजझाने के लिए एक सुरक्षा समिति का गठन करना चाहिए जो इस मामले की तहक़ीक़ात कर सके।
हालाँकि इसे बाद भारत ने अपने जवाब में पाकिस्तान को टेररिस्तान बताकर पलटवार किया। भारत ने कहा कि कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और इसपर कोई समझौता नहीं किया जा सकता है।
ऐसा माना जा रहा था कि चीन यहाँ पाकिस्तान ने पक्ष में बोल सकता है। लेकिन चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने साफ़ तौर पर अपना पलड़ा झाड़ते हुए दरकिनार कर दिया। उन्होंने कहा कि यह भारत और कश्मीर का आंतरिक मसला है और दोनों देशों को शांति से बैठकर इसे सुलझाना चाहिए।
वांग यी ने कहा, ‘कश्मीर का विवाद ऐतिहासिक है। चीन चाहता है कि भारत और पाकिस्तान बातचीत के जरिये इस मुद्दे को सुलझा लें। इससे प्रदेश में शांति का माहौल रहेगा।’
दरअसल चीन का यूँ पाकिस्तान को दरकिनार करना पाकिस्तान को रास नहीं आया है। पाकिस्तान में इसका विरोध किया है। इससे पाकिस्तान और चीन के संबंधों के बीच फिर तकरार आती दिख रही है।
इससे पहले भी चीन ने पाकिस्तान के खिलाफ कई बार फैसले किये हैं। ब्रिक्स 2017 के दौरान भी चीन ने पाकिस्तान को आतंकवादी देश बताकर कई आतंकवादी संगठों का पर्दाफाश किया था।
इसके बाद पाकिस्तानी मीडिया ने जमकर चीन का विरोध किया था। चीन ने हालाँकि जल्द ही अपना फैसला बदलते हुए पाकिस्तान का पक्ष ले लिया था। चीन ने कहा था कि विश्व को पाकिस्तान के आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में योगदान को देखना चाहिए।