पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री इमरान खान ने अमेरिका के दौरे से वापस लौटकर रविवार को कहा कि “कश्मीरियों के साथ खड़े होने वाले जिहाद कर रहे हैं और चाहे विश्व न करें लेकिन पाकिस्तान कश्मीरियों का समर्थन करता रहेगा।” यूएन में भी इमरान खान ने यह मुद्दा उठाया था।
कश्मीर का समर्थन करने वाले जिहाद कर रहे
खान ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओ से कहा कि “चाहे विश्व कश्मीरियों के साथ न हो लेकिन हम उनके साथ खड़े हैं। कश्मीरियों के साथ खड़े होना जिहाद करना है। हम यह इसलिए कर रहे हैं क्योंकि हम अल्लाह को खुद से खुश रखना चाहते हैं।”
मलेशिया के पीएम ने कहा कि “भारत ने घुसपैठ की और कश्मीर पर कब्ज़ा किया था।” पीएम खान ने कहा कि “यह एक संघर्ष है और बुरा वक्त होने पर घबराना नहीं चाहिए। कश्मीरी जीतेंगे अघर पाकिस्तानी अवाम उनकी तरफ खाड़ी रहेंगी।” खान ने शुक्रवार को कश्मीर का मामला उठाया था और भारत से अमानवीय कर्फ्यू को हटाने की मांग की थी और सभी राजनीतिक कैदियों को रिहा करने की मांग की थी।
इमरान खान का यूएन में 50 मिनट तक भाषण जारी था जबकि बहस का तय वक्त सिर्फ 15 मिनट का है। उन्होंने दो पड़ोसियों के बीच इस मामले पर युद्ध होने की चेतावनी दी है और इसके परिणाम सीमा से बाहर जायेंगे। इससे पूर्व प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोई ने कहा कि भारत एक ऐसा देश हिया जिसने विश्व को जंग नहीं बुद्ध का शान्ति सन्देश दिया है।
पाकिस्तान कश्मीर के मामले का अंतर्राष्ट्रीयकरण करने की कोशिश कर रहा है जब से भारत ने जम्मू कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा हटाया है। नई दिल्ली के मुताबिक, यह भारत का आंतरिक मामला है और इसमें तीसरे ओअक्ष की दखलंदाज़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
भारत के इस निर्णय के बाद पाकिस्तान ने सख्त प्रतिक्रियाएं दी थी और नई दिल्ली के साथ राजनयिक संबंधो को भी आंशिक तौर पर खत्म कर दिया है और इस्लामाबाद से भारतीय राजदूत को वापस बुलाने का आग्रह किया है।