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    "कलंक" निर्मताओं की 'ठग्स ऑफ़ हिंदुस्तान' की टिकेट दरों से 10% की बढ़ोतरी की मांग से प्रदर्शक हुए गुस्सा

    लग रहा है कि इस महीने बॉलीवुड को एक ब्लॉकबस्टर फिल्म मिलने वाली हैं। 17 अप्रैल को रिलीज़ हो रही है अभिषेक वर्मन की पीरियड-ड्रामा फिल्म “कलंक“। करण जौहर द्वारा निर्मित फिल्म में संजय दत्त, माधुरी दीक्षित, सोनाक्षी सिन्हा, आदित्य रॉय कपूर, आलिया भट्ट और वरुण धवन नज़र आएंगे। फिल्म के अच्छा कमाने की उम्मीद है क्योंकि 17 को महावीर जयंती है और 19 को गुड फ्राइडे है।

    अब चूँकि फिल्म ख़ास है इसलिए इसके टिकट की कीमत बढ़ना लाज़मी है लेकिन प्रदर्शकों को झटका तब लगा जब फिल्म के निर्माता धरमा प्रोडक्शन और फॉक्स स्टार स्टूडियोज ने ये मांग की कि टिकट की कीमत ‘ठग्स ऑफ़ हिंदुस्तान‘ की कीमत से 10% ज्यादा होनी चाहिए। थिएटर के मालिकों को लगता है कि फिल्म “कलंक” इतनी बड़ी नहीं है इसलिए मेकर्स को इतनी बड़ी कीमत की मांग नहीं करनी चाहिए।

    मुंबई के G7 मल्टीप्लेक्स के कार्यकारी निदेशक मनोज देसाई ने कहा-“हां, मुझे यह निर्देश मिल गया है और मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि निर्माता इन डिक्टेट्स के साथ क्या साबित करने की कोशिश कर रहे हैं। मैं फिल्म को नहीं खोना चाहता और इसलिए, मैंने अभी कीमत में 10 रुपये की बढ़ोतरी की है, वह भी 9 दिनों के लिए, बुधवार 17 अप्रैल से गुरुवार 25 अप्रैल तक। शुक्रवार 26 अप्रैल से, ‘कलंक’ को सामान्य दरों पर प्रदर्शित किया जाएगा – अर्थात, स्टॉल के लिए 110 रूपये और बालकनी के लिए 140 रूपये। हमने टिकट खिड़की पर भी उल्लेख किया है कि दरों में वृद्धि केवल पहले सप्ताह के लिए बढ़ी है।”

    बाकि थिएटर मालिक भी इस मांग को पूरा नहीं कर पायेंगे और केवल 10 रूपये से कीमत बढ़ा देंगे। फिर भी उनमे आपस में बातचीत चल रही है। बिहार के रूपबानी सिनेमा के मालिक विशेक चौहान ने कहा-“उन्होंने ‘ठग्स ऑफ़ हिंदुस्तान’ के बारे में कुछ भी उल्लेख नहीं किया है। उन्होंने यही कहा कि हमे ‘कलंक’ की दरें, ब्लॉकबस्टर कीमतों से 10% से ज्यादा रखनी चाहिए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि छूट की कीमतों को अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।”

    उन्होंने आगे ये भी कहा कि फिल्म इतनी बड़ी नहीं है। भले ही वरुण और आलिया ने साथ में कई हिट फिल्में दी हो मगर वरुण को सलमान खान और आमिर खान की केटेगरी में नहीं रखा जा सकता।

    हालांकि, व्यापार विश्लेषक अतुल मोहन के विचार इस मामले में अलग है। उनके मुताबिक, “आखिरकार ये एक बड़ी फिल्म है, जिसमे बड़ी कास्ट और भव्य सेट है। तो ये बड़ी फिल्म के निर्माताओं के लिए स्वाभाविक है कि वह टिकेट की ज्यादा बड़ी कीमत मांगेंगे।”

    कुछ प्रदर्शक ये सोच कर चिंतित हैं कि ज्यादा कीमत बढ़ने से दर्शक उनके थिएटर से भाग जायेंगे। जबकि कुछ का कहना है कि दर्शको को 10% बढ़ोतरी से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। अगर दर्शक वाकई ये फिल्म देखना चाहते हैं तो वह फिल्म को बढती कीमत पर भी देख लेंगे। और जिसे नहीं देखनी है वह कम कीमत पर भी नहीं देखेंगे।

    लेकिन उनका एकमात्र डर ये है कि भले ही फिल्म कितनी भी बड़ी क्यों ना हो मगर वह प्रति फिल्म 10% की बढ़ोतरी नहीं कर सकते।

    By साक्षी बंसल

    पत्रकारिता की छात्रा जिसे ख़बरों की दुनिया में रूचि है।

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