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    एच डी कुमारस्वामी

    कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने किसान कर्जमाफी को लेकर एक विवादित बयान दिया हैं। राज्य में किसानों के कर्जमाफी के लिए बीजेपी की ओर से सरकार को अल्टीमेटम दिया गया है।

    राज्य में किसान कर्जे के विषय पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने कहा, “मैं कर्नाटक की 6.5 करोड़ जनता (के विकास) के लिए कटिबद्ध नहीं, कांग्रेस पार्टी के लिए बाध्य हूं।”

    आपको बतादे, बीजेपी सरकार के विश्वासमत सिद्ध करने में नाकाम होने के बाद, राज्य में जेडीएस और कांग्रेस की सरकार का गठन किया गया। जेडीएस के नेता एच डी कुमारस्वामी के नेतृत्ववाली सरकार ने पिछले दिनों कर्नाटक विधान सभा में अपना बहुमत सिद्ध कर दिया हैं। मगर मंत्रिपरिषद और विभागों के बटवारे को लेकर दोनों पार्टीयों में अबतक सहमती नहीं बन पाई हैं।

    इस विषय में मुख्यमंत्री कुमारस्वामी, कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गाँधी और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गाँधी जी से नयी दिल्ली में मुलाकात कर चुके हैं, सूत्रों के अनुसार कुमारस्वामी आज प्रधानमंत्री मोदी और कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात करने हेतु नयी दिली जाएँगे।

    अपने चुनावी घोषणापत्र में लिखित वायदों में से एक किसान कर्जमाफी को पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने राज्य के किसानों से एक सप्ताह का समय माँगा हैं, जिसमे वे अपने सहयोगी दल कांग्रेस के साथ मिलकर इस विषय में निर्णय लेंगे।

    कर्नाटक विधानसभा चुनाव में जेडीएस पार्टी ने किसानों के सभी सरकारी, प्राइवेट और कोआपरेटिव बैंकों से लिया हुआ कर्जा मांफ करने की घोषणा की थी।

    किसानों को आत्महत्या न करने की विनती करते हुए कुमारस्वामी ने रिपोर्टरों से कहा, “सरकार किसान कर्जमाफी के विषय को लेकर गंभीर है, और हम अपने चुनावी वादों से पीछे नहीं हटेंगे।

    मुझे इस विषय पर निर्णय लेने से पूर्व राज्य की आर्थिक स्थिती को समझना पड़ेगा और यह कैबिनेट विस्तार के बाद ही मुमकिन हैं। अगर सरकार एक सप्ताह के अन्दर किसान कर्जे पर निर्णय नहीं लेतीं हैं, तो मैं मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दूंगा।

    आपको बतादे, सरकार के विरोध में राज्य बीजेपी इकाई द्वारा राज्यव्यापी बंध का आयोजन आज सोमवार को किया गया हैं। मुख्यमंत्री कुमारस्वामी के अनुसार उन्होंने राज्य कांग्रेस के शीर्ष नेता और विधासभा में नेता विपक्ष बी एस येदियुरप्पा से भी मुलाकात कर इस विषय को अधिक गंभीरता से समझने की कोशिश की हैं।

    By प्रशांत पंद्री

    प्रशांत, पुणे विश्वविद्यालय में बीबीए(कंप्यूटर एप्लीकेशन्स) के तृतीय वर्ष के छात्र हैं। वे अन्तर्राष्ट्रीय राजनीती, रक्षा और प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेज में रूचि रखते हैं।

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