करतारपुर गलियारे पर भारत और पाकिस्तान के बीच तीसरे दौर की बातचीत सफल साबित हुई है। इस मामले पर मसौदे को अंतिम रूप देने के लिए दोनों पक्षों के अधिकारियो ने मुलाकात की थी। अधिकारियो ने बताया कि भारत पाकिस्तान करतारपुर साहिब गुरुद्वारा के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं के बिना वीजा, और धर्म के आधार पर बिना किसी भेदभाव के यात्रा करने पर राजी हुए है।
उन्होंने बताया कि “भारत और पाकिस्तान ने गलियारे के माध्यम रोजाना 5000 श्रद्धालुओं को करतारपुर साहिब के दर्शन करने की अनुमति दे दी है। करतारपुर गुरुद्वारा परिसर में भारतीय राजदूत या अधिकारियो के आने की इजाजत पर पाक ने अनिच्छा व्यक्त की है।”
इसके साथ ही पाकिस्तान श्रद्धालुओं से फीस लेने की भी बात पर अड़ा हुआ है। भारत के मुताबिक, कॉरिडोर पर इस तरफ का काम सितंबर 2019 तक पूरा हो जाएगा ताकि यात्रा का सिलसिला गुरू नानक देव की 550वीं जयंती पर शुरू हो सके।
करतारपुर गलियारा सालभर और सप्ताह के सातों दिन खुला रहेगा। अमृतसर के अटारी में हो रही संयुक्त सचिव स्तर की बैठक में शामिल होने के लिए 20 सदस्यीय पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल भारत पहुंचा था।
पाकिस्तान के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा कि “हम करतारपुर गलियारे पर आज मसौदे समझौते को आखिरी रूप देने के लिए आशावादी है। इस प्रोजेक्ट का 90 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है और पाकिस्तान नवम्बर तक गलियारे को खोलने के लिए प्रतिबद्ध है।”