भारत और पाकिस्तान के अधिकारी रविवार को करतारपुर गलियारे और इससे सम्बंधित तकनीकी मामलो के तौर तरीको को अंतिम रूप देने के लिए मुलाकात करेंगे। सरकारी सूत्र के मुताबिक, यह बैठक वाघा पर सुबह 9:30 बजे होगी। इससे पूर्व दोनों देशों ने 2 अप्रैल को मुलाकात की थी।
दूसरी चरण की मुलाकात के लिए मुलाकात होनी थी लेकिन गलियारे से सम्बंधित समिति में एक विवादित तत्व के शामिल होने पर आपत्ति के कारण इस बैठक को स्थगित कर दिया गया था। बातचीत से सिर्फ एक दिन पूर्व पाकिस्तान ने सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति की सूची में फेरबदल किया था।
इस सूची से खालिस्तानी समर्थक नेता गोपाल चावला को हटा दिया गया था। इस पर भारत ने कई बार आपत्ति दर्ज की थी। नई दिल्ली इस्लामाबाद के साथ आगामी वार्ता के लिए देख रही है और इसके कई महत्वपूर्ण मामलो को उठाया जायेगा। इसमें संरचना, श्रद्धालुओं की आवाजाही और सुरक्षा शामिल है।
करतारपुर गलियारा भारत-पाकिस्तान की सीमा से पंजाब का गुरदासपुर तीन किलोमीटर की दूरी पर है। इस खुलने के बाद पाकिस्तान के करतारपुर में स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब में सीधे सिख श्रद्धालुओं को पंहुचने की अनुमति मिलेगी। चर्चा के दौरान एक महत्वपूर्ण मसलके को भारत उठा सकता है, वो पाकिस्तान की तरफ ब्रिज का निर्माण करना है। पाकिस्तान की तरफ सद्कार निर्माण कार्य से संभावित बाढ़ की आशंका है।
हालांकी भारत एक पुल का निर्माण करवा रहा है ताकि श्रद्धालुओं को अभी मौसमो में सुरक्षा मुहैया की जा सके। भारत ने पाकिस्तान से आग्रह किया कि श्रद्धालुओं की सुरक्षित यात्रा के लिए एक ब्रिज का निर्माण करे। इसके आलावा गालियारे से जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या पर चर्चा हो सकती है।
इस गलियारे के निर्माण के लिए भारत 500 करोड़ रूपए खर्च कर रहा है। इस धन को उच्च स्तर की सुरक्षा और निगरानी प्रणाली की स्थापना करने के लिए खर्च किया जायेगा।
सूत्रों ने बताया कि गलियारे के निर्माण कार्य के पूरा होने की सम्भावना 31 अक्टूबर तक है। यह गुरु नानक की 550 वीं सालगिरह से पहले पूरा हो जायेगा। गुरु नानक देव सिख धर्म के संस्थापक है।