छोटे पर्दे पर एक दशक लंबे सफल करियर के बाद, करण सिंह ग्रोवर (Karan Singh Grover) ने 2015 में अपना बॉलीवुड डेब्यू किया। यह स्विच उनके लिए अच्छा नहीं रहा, लेकिन उनका कहना है कि प्रयोग करना कभी बंद नहीं करना चाहिए। उनके मुताबिक, “प्रयोग आगे बढ़ने के लिए आवश्यक है। हां, मैं टीवी पर अच्छा कर रहा था, लेकिन कोई एक दिशा का पालन कब तक कर सकता है? व्यक्ति को नई चीजों की तलाश करनी होगी। अन्यथा, एक रचनात्मक व्यक्ति के रूप में, यह स्थिर रहेगा।”
करण ने आईएएनएस को बताया-“मेरी फिल्में ‘अलोन’ और ‘हेट स्टोरी 3’ दोनों ने अच्छा कारोबार किया। बेशक, मेरे टीवी शो ‘दिल मिल गए’ और ‘क़ुबूल है’ को बहुत अधिक सफलता और पुरस्कार मिले, लेकिन मेरी फिल्में फ्लॉप नहीं रहीं। नंबर्स लोगों द्वारा बनाये जाते हैं और सर्वशक्तिमान द्वारा नहीं। हमारे मूल्य को एक पैरामीटर द्वारा परिभाषित नहीं किया जा सकता है जो मानव निर्मित है।”
करण को वर्तमान में टेलीविजन शो ‘कसौटी ज़िंदगी की‘ में मिस्टर ऋषभ बजाज के रूप में देखा जाता है, जो 2001 से 2008 तक प्रसारित होने वाले मूल शो का एक रिबूट है। यह मूल रूप से रोनित रॉय द्वारा निभाई गई भूमिका है और करण ने तुलना को ध्यान में रखते हुए, इस किरदार को अच्छे से पढ़ा है।
“हमारे उद्योग में कोई भी ऋषभ बजाज की भूमिका नहीं निभा सकता है, जिस तरह से रोनित रॉय ने इसे निभाया है और मैं इसे छूने की भी हिम्मत नहीं करता। यह एक अलग स्तर का आइकोनिक प्रदर्शन है, मूल्यवान है और कोई भी इससे मेल नहीं खा सकता है। इसको या ऐसी किसी चीज़ की नक़ल करना मेरी बेवकूफी होगी।
“हालांकि, मुझे पता है कि मिस्टर बजाज के किरदार के साथ-साथ मेरे फैंस का भी एक फैन बेस है। इसलिए, तुलना अपरिहार्य है।”
जब करण ने अपना करियर शुरू किया था, तबसे लेकर अब तक टीवी इंडस्ट्री बहुत बदल गयी है। अभिनता इससे खुश हैं और वह मनोरंजन में महिलाओं के प्रक्षेपण को एक सकारात्मक बात की तरह देखते हैं।
“मेरा शो ‘दिल मिल गए’ युवाओं के बारे में था, महिलाओं या लड़कियों का अपमानजनक प्रक्षेपण नहीं था। मेरा मानना है कि महिलाएं शक्तिशाली हैं और उन्हें इस तरह से पेश किया जाना चाहिए। इससे पहले न केवल ऑन-स्क्रीन, बल्कि वास्तविक जीवन में भी, पुरुषों में महिलाओं को नियंत्रित करने की प्रवृत्ति थी और दैनिक जीवन के साथ-साथ परदे पर भी उनकी भूमिका में रूढ़िवादिता हो रही थी।”
उन्होंने अपनी बात खत्म करते हुए कहा-“भगवान का शुक्र है कि दुनिया एक ऐसी जगह है जहाँ बहुत से विकसित लोग रह रहे हैं, क्योंकि वे इस वास्तविकता को समझ गए हैं कि महिलाएं कई ज्यादा महान प्राणी हैं।”