Sun. Nov 17th, 2024
    कमल हासन

    ऐसा अभिनय जो दर्शको को सम्मोहित कर दे, ऐसा अभिनय जो उनकी कल्पना से परे हो, ऐसा अभिनय जो दूसरों के भीतर ऊर्जा का नया संचार कर दें, शायद यही तो परिभाषा होती है किसी कलाकार या अभिनेता की। यदि वर्तमान समय की बात करे तो जितना लोकप्रिय उनके डायलाग फिल्मी पर्दे पर होते है उससे कहीं ज्यादा आज परदे के बाहर होते है। अब इसे चाहें हम लोगों का अभिनेताओं के प्रति रुझान कहें या अभिनेताओं का राजनीति के प्रति, यह जानने योग्य है।

    दरअसल, कुछ समय पहले तमिल और बॉलीवुड जगत के दिगज्ज अभिनेता कमल हसन एक साप्ताहिक पत्रिका में लिखे गए अपने लेख के कारण पूरे देश में चर्चा का विषय बन चुके है। उन्होंने एक पत्रिका में लिखा कि “कोई नहीं कह सकता कि समाज में हिंदू आतंकवाद का वजूद नहीं है। उन्होंने आगे लिखा कि हिंदू कट्टरपंथी पहले बातचीत में विश्वास रखते थे परन्तु अब हिंसा में शामिल हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि लोगों में ‘सत्यमेव जयते’ की भावना समाप्त हो चुकी है”।

    उनके इस प्रकार लिखने से देश का राजनीतिक माहौल गरम हो गया है। भारत के सभी छेत्रों से उनके इस कथन की कड़ी आलोचना की जा रही है। इस पर अखिल भारतीय हिंदू महासभा के वरिष्ठ नेता पंडित अशोक शर्मा ने कहा “कमल हासन जैसे लोगों से निपटने के लिए फांसी पर चढ़ा देने या गोली मार देने के अलावा और कोई उपाय नहीं है.”।

    कमल हासन को उनके बयान के लिए चेतावनी देते हुए अखिल भारतीय हिंदू महासभा संगठन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अशोक शर्मा ने कहा, “जो भी लोग इस तरह की भाषा का प्रयोग करते हैं या हिंदू धर्म और इसके विश्वास के प्रति पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाते हैं, उन्हें जीने का कोई अधिकार नहीं है.” इसके साथ ही अशोक शर्मा ने लोगों से उनकी फिल्मों का भी बहिष्कार करने के लिए कहा है।

    हालहीं में कमल हसन ने एक और विवादित बयान देते हुए सिनेमाघरों में राष्ट्रगान चलाने पर कहा है कि” सरकार अब कदम-कदम पर हमारी देशभक्ति कि परीक्षा ना ले”।