संसद के मानसून सत्र में विपक्ष हर मोर्चे पर सरकार को घेरने की फिराक में है। आज राज्यसभा में वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस समय देश में सदी का सबसे बड़ा घोटाला चल रहा है। एक ही नंबर के दो नोट छापे जा रहे हैं। रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया एक नोट पार्टी के लिए और एक नोट सरकार के लिए छाप रही है। इसे सदी का सबसे बड़ा घोटाला करार देते हुए उन्होंने सरकार से इस पर जवाब मांगा। कपिल सिब्बल के अलावा राज्यसभा में जेडीयू नेता शरद यादव और नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद ने भी इस मुद्दे पर सरकार को घेरा।
शून्यकाल में पूछे गए अपने प्रश्न में कपिल सिब्बल ने 500 रूपये के नोट की फोटोकॉपी दिखाई और सरकार पर तीखा हमला बोला। सदन के बाहर आकर कपिल सिब्बल ने इस मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की। उन्होंने आरबीआई को भी सवालों के घेरे में लेते हुए कहा कि अगर आरबीआई को यह पता है कि एक ही नंबर के दो नोट देश में हैं तो उसने अब तक इसका जिक्र अपनी वेबसाइट पर क्यों नहीं किया है। देश के वित्त मंत्रालय को पूरे देश में सिर्फ एक ही तरह के नोटों की व्यवस्था करनी चाहिए। उन्होंने आरबीआई से यह भी पूछा कि अगर वह इन नोटों को वापस लेने की बात करता है तो क्या एक बार फिर से देश को लाइनों में खड़ा होना पड़ेगा।
कपिल सिब्बल के प्रश्नों का जवाब वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दिया। अरुण जेटली ने कहा कि विपक्ष सरकार पर बेबुनियाद आरोप लगा रही है। विपक्ष के पास सरकार को घेरने का कोई मुद्दा नहीं बचा है। ऐसे में वह ऊलजलूल आरोप लगा रही है। उन्होंने इसे शून्यकाल का दुरुपयोग बताया और कहा कि आप राज्यसभा में इस तरह कागज़ नहीं लहरा सकते। कोई भी व्यक्ति देश की करेंसी पर इस तरह की बयानबाजी नहीं कर सकता।