कनाडा की नागरिकता हासिल करने वाले भारतीयों की संख्या में साल 2018 में भी इजाफा हुआ है। साल 2017 से भारतीय नागरिकों को हासिल कनाडाई नागरिकता में 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। बहरहाल , फ़िलीपीन्स इस दौड़ में भारत से थोडा आगे है और पहले पायदान पर काबिज है। फ़िलीपीन्स की 15600 नागरिकों ने कनाडा की नागरिकता हासिल की है, यह बीते वर्ष के मुकाबले केवल 11 फीसदी ही वृद्धि है। जबकि भारत के 15000 नागरिकों को ही कनाडाई नागरिकता मिली है।
10 माह के कार्यकाल में कुल 1.39 लाख स्थायी निवासियों को कनाडा की नागरिकता मिली है। साल 2015 में 28000 भारतीय नागरिकों ने कनाडा की नागरिकता ली थी, लेकिन इस वर्ष यह संख्या कम हुई है। कनाडा की नागरिकता लेने की तादाद में वृद्धि राष्ट्रपति जस्टिन ट्रुडो के आप्रवासी नियमों को साम करने के कारण हुई है।
अक्टूबर 2017 के बाद कनाडा की नागरिकता के लिए आसानी से योग्यता हासिल की जा सकती है। पहले कनाडा की नागरिकता के लिए छह वर्षों में से चार वर्ष कनाडा में स्थायी तौर पर उपस्थित रहना आवश्यक था, लेकिन अब पांच वर्षों में से सिर्फ 3 साल ही स्थायी तौर पर कनाडा में रहता है तो, जिसके बाद व्यक्ति को नागरिकता प्रदान कर दी जाएगी।
कनाडा के नियमों के मुताबिक वहां के स्थायी नागरिक को सामाजिक सुविधाएं भी दी जाती है, हालंकि राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने के लिए जल्द अनुमति नहीं मिलती है।