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    अहमद पटेल

    गुजरात में आज राज्यसभा चुनाव होने हैं। पिछले कई दिनों से चल रही राजनीतिक रस्साकस्सी के बाद आखिरकार आज गुजरात का राजनीतिक पटल साफ़ हो जायेगा। वरिष्ठ कांग्रेसी और विधानसभा में नेता विपक्ष रहे शंकर सिंह वाघेला के कांग्रेस से इस्तीफ़ा देने के बाद से गुजरात में कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे का दौर शुरू हो गया था। इससे गुजरात से राज्यसभा सदस्यता के लिए कांग्रेस उम्मीदवार और सोनिया गाँधी के रणनीतिक सलाहकार अहमद पटेल की उम्मीदवारी खतरे में पद गई थी। बता दें कि गुजरात में राज्यसभा की 3 सीटों के लिए आज मतदान होना है। इन तीन सीटों पर 4 उम्मीदवार हैं। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के अलावा कांग्रेस से बगावत कर भाजपा में शामिल हुए बलवंत सिंह राजपूत को भाजपा ने मैदान में उतारा है। कांग्रेस से अहमद पटेल मैदान में है। कांग्रेस के गुजरात विधानसभा में 57 विधायक थे। इस आधार पर अहमद पटेल की जीत तय मानी जा रही थी। लेकिन राष्ट्रपति चुनावों में 57 में से 8 कांग्रेसी विधायकों ने एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की थी। तभी से अहमद पटेल की सदस्यता पर खतरे के बादल मंडराने लगे थे और रही-सही कसर शंकर सिंह वाघेला की बगावत ने पूरी कर दी।

    शरद पवार ने भाजपा को समर्थन देने को कहा

    कांग्रेस उम्मीदवार अहमद पटेल की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। पार्टी विधायकों की बगावत के बाद कांग्रेस की प्रमुख सहयोगी एनसीपी ने भी भाजपा को समर्थन देने की बात कही है। पार्टी अध्यक्ष शरद पवार ने अपने विधायकों से कहा है कि वो बलवंत सिंह राजपूत के पक्ष में मतदान करें। गुजरात में एनसीपी के 2 विधायक हैं। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की जीत तय मानी जा रही है। ऐसे में अहमद पटेल और बलवंत सिंह राजपूत में सम्मान की लड़ाई है।

    उधर कांग्रेस उम्मीदवार अहमद पटेल ने कहा है कि उनके पास पर्याप्त बल है और वह राज्यसभा चुनाव जीत रहे हैं। बागी कांग्रेसी नेता शंकर सिंह वाघेला ने स्पष्ट कहा है कि वो नोटा का इस्तेमाल नहीं करेंगे। बलवंत सिंह राजपूत वाघेला के समधी हैं। ऐसे में उनकी जीत के लिए वाघेला हर मुमकिन कोशिश करेंगे। वर्तमान में अहमद पटेल के साथ गुजरात कांग्रेस के 44 विधायक हैं और जीत के लिए जरुरी मतों का आंकड़ा 45 है। अगर इन विधायकों में से कोई भी एक नोटा का विकल्प चुन ले तो अहमद पटेल को एक और अतिरिक्त मत की जरुरत पड़ेगी और उनकी उम्मीदवारी खतरे में पड़ जाएगी।

    By हिमांशु पांडेय

    हिमांशु पाण्डेय दा इंडियन वायर के हिंदी संस्करण पर राजनीति संपादक की भूमिका में कार्यरत है। भारत की राजनीति के केंद्र बिंदु माने जाने वाले उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले हिमांशु भारत की राजनीतिक उठापटक से पूर्णतया वाकिफ है।मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक करने के बाद, राजनीति और लेखन में उनके रुझान ने उन्हें पत्रकारिता की तरफ आकर्षित किया। हिमांशु दा इंडियन वायर के माध्यम से ताजातरीन राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर अपने विचारों को आम जन तक पहुंचाते हैं।