Sat. Apr 27th, 2024

    तीन तलाक पर विधेयक फ़िलहाल लोकसभा में पास हो गया। अब इंतजार राजयसभा की अनुमति का है लेकिन राज्यसभा की अनुमति से पहले ही इस विधेयक पर बयानबाजी तेज हो गयी है। इस मुद्दे पर सबसे ज़्यादा नाराज ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी है। ओवैसी ने इस विधेयक को सरकार का निजी स्वार्थ से घिरा हुआ बताया है और तीन तलाक पर किसी भी तरह के नए कानून को गैर जरूरी माना है।

    ओवैसी ने बीजेपी और कांग्रेस दोनों को आड़े हाथो लेते हुए कहा है कि जनेऊधारियों की राजनीति में मुसलमान समाज कहीं फंस गया है। गुजरात विधानसभा में दोनों दलों ने जिस तरह से व्यवहार किया उसपर ओवैसी ने इशारा किया कि “एलिट क्लब और भारतीय राष्ट्रीयवादी क्लब के बीच हम लोग फंस गए है।”

    गुजरात विधानसभा के बाद कर्नाटक विधानसभा चुनाव को जीतने के लिए बीजेपी और कांग्रेस हिन्दू होने की राजनीति कर रहे है। दोनों दलों के ऐसे व्यवहार पर ओवैसी पहले भी बयान दे चुके है। उन्होंने राहुल गाँधी की गुजरात में सोमनाथ यात्रा पर सवाल उठाया था कि “राहुल सिर्फ मंदिर ही क्यों जा रहे है किसी मस्जिद या दरगाह क्यों नहीं जा रहे है।”

    ओवैसी ने किया लोकसभा में तीन तलाक का विरोध

    आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के बाद ओवैसी ने भी तीन तलाक के मुद्दे पर सरकार को घेरा। इस मामले में उन्होंने एक नोटिस भी लोकसभा अध्यक्ष को लिखा।

    अपने ट्वीट से ओवैसी ने लोगों को बताया कि “यह बिल किसी भी तरह से सही नहीं है क्यूंकि इससे महिलाओं का हक़ मारा जा रहा है साथ ही बिल को इस तरह से तैयार किया गया है जिससे नागरिकों के मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है” ओवैसी ने यह भी कहा कि “महिलाओं के नाम पर इस तरह के बिल की कोई जरूरत नहीं है क्यूंकि महिलाओं की सुरक्षा के लिए देश में पहले से ही प्रयाप्त कानून है।”

    बन्दर और मछली की कहानी से सरकार पर निशाना साधा

    कल ओवैसी ने तीन तलाक के मुद्दे पर मोदी सरकार पर एक कहानी के माध्यम से निशाना साधा। ओवैसी ने कहा की “एक कहानी आप सबने सुनी होगी जिसमे एक बंदर ने लबालब भरे तालाब की खुशहाल मछलियों को पानी से निकाल कर किनारे पर रख दिया था जिससे तड़प तड़प कर सारी मछलियों की मोत हो गयी। पूछने पर बन्दर ने बताया था कि वो इन मछलियों को डूबने से बचा रहा था, मोदी सरकार का तीन तलाक विधेयक भी कुछ इसी तरह का है।”