ओला ने मोबाइल एप का नया संस्करण लॉन्च किया है, जो सबसे कम इंटरनेट कनेक्टिविटी पर भी काम करता है। कैब सेवा प्रदान करने वाली कंपनी ओला ने दूसरी तथा तीसरी श्रेणी के शहरों के उपभोक्ताओं के लिए मोबाइल ऐप ‘लाइट’ वर्जन पेश किया है।
ओला ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा कि, ओला ‘लाइट’ एक हल्का ऐप है, जो बुकिंग के दौरान किसी तरह समझौता किए बिना 1 एमबी स्पेस लेता है और मात्र तीन सेंकड के भीतर लोड हो जाता है।
आप को बता दें कि अन्य इंटरनेट कंपनियां जो इस तरह की लाइट ऐप प्रदान करती हैं, उनमें फेसबुक, ट्विटर और लिंक्डइन आदि का नाम शामिल हैं। ओला कैब पहली ऐसी कंपनी जिसने देश के उभरते कस्बों तथा शहरों के लिए लाइट एप लॉन्च किया है।
ओला लाइट ऐप के जरिए इंटरनेट सेवा आसान बनाने के लिए देश के दूसरी तथा तीसरी श्रेणी के शहरों पर अपना ध्यान केंद्रित करेगा।बेंगलुरु स्थित यूएस की कंपनी उबर को भारतीय बाजार में कड़ी टक्कर देने के लिए ओला पहले से ही ऑफलाइन बुकिंग जैसी सुविधा शुरू कर चुकी है।
ओला के उपाध्यक्ष उत्पाद प्रबंधन राजीव थंदनूर ने कहा कि, प्रगतिशील वेब ऐप और ऑफ़लाइन बुकिंग जैसे हमारे समाधान ने इसी तरह की चुनौतियों से निपटने के लिए उभरते शहरों और कस्बों पर हम अपना ध्यान पहले से ही केंद्रित कर चुके हैं।
ओला लाइट ने अब देश इन हिस्सों में रहने वाले लाखों भारतीयों की परिवहन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक अनूठा अवसर प्रस्तुत किया है। गौरतलब है कि ओला को लाइट मोबाइल ऐप 2जी कनेक्शन पर भी काम करेगा।
ओला ने खरीदा फूडपांडा
जर्मनी की फूड डिलीवरी कंपनी हीरो नें अपना फूडपांडा का भारतीय कारोबार ओला को बेच दिया है। इसके बदले में जर्मन कंपनी नें ओला में शेयर खरीदे हैं। इस व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए ओला कंपनी 200 मिलियन डॉलर का निवेश करेगी, जिसके साथ ही फूड डिलीवरी कारोबार को ओला अपने कैब कारोबार से जोड़ सकती है।
विश्लेषकों के मुताबिक, ओला फूंड पांडा का अधिग्रहण कर फूड डिलिवरी बिजनेस में भारत की तीसरी सबसे बड़ी कंपनी बन चुकी है। 2015 में ओला कैफे की असफलता के बाद ओला फूड डिलिवरी बिजनेस में अपना हाथ आजमाने जा रही है।