हाल ही में ऐसी कई खबरें सामने आई थीं जब कैब चालकों ने सूनसान रास्ते का फायदा उठाकर महिला सवारियों के साथ बदसलूकी की या बलात्कार जैसी घटनाओं को भी अंजाम दिया।
इस घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए यूं तो कई बार सरकार से गुहार लगाई गयी है, लेकिन अब इस दिशा में ओला ने अपने कदम बढ़ा दिये हैं।
ओला ने इसका नाम ओला गार्जियन रखा है।
इस प्रणाली के तहत सिस्टम कैब के रास्ते पर पैनी नज़र रहेगा और यदि कैब का ड्राईवर रूट बदलता है या ऐसी ही कोई असामान्य घाटन सामने आती है तो ये सिस्टम उस पूरी घटना का ठीक उसी समय विश्लेषण करेगा, तथा संबन्धित व्यक्ति को इसकी सूचना भी देगा।
ओला पहले इस प्रणाली को पायलट प्रोजेक्ट के तहत बंगलुरु, पुणे व मुंबई मे शुरू किया है। इसके बाद इसे दिल्ली मे शुरू किया जाएगा। बाद में इस प्रणाली को पूरे भारत में लागू किया जाएगा।
मालूम हो कि इस तरह कि ट्रैकिंग सिस्टम ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका कई देशों में चल रहे हैं।
ओला की सुरक्षा विभाग के वाइस प्रेसिडेंट अंकुर अग्रवाल ने बताया कि इस प्रोजेक्ट से सवारियों के साथ होने वाली किसी भी प्रकार कि बदसलूकी या दुर्व्यवहार में कमी आएगी तथा इसकी मदद से किसी भी प्रकार से सवारियों के साथ होने वाली अनचाही घटना पर लगाम लगाई जा सकेगी।
अग्रवाल ने ये भी कहा कि जिन राज्यों में हम अभी ये सुविधा दे रहे हैं, उन राज्यों की सरकारों के साथ मिलकर अन अभी उस रस्तों का विश्लेषण कर रहे हैं जो रास्ते यात्री सुरक्षा के लिहाज़ से ज्यादा खतरनाक हैं।