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    osi model in hindi

    विषय-सूचि

    ओएसआई मॉडल क्या है? (osi model in hindi)

    इसे हम ओपन सिस्टम इंटरकनैक्शन भी बोलते हैं। इसे हम सात परतों में समझते हैं। आईटी वाले लोगों के द्वारा इस तरीके को हम एक अच्छा तरीका बोलते हैं क्योंकि यह दूरसंचार और नेटवर्किंग में बहुत काम आता है।

    यह इस तरह की मोडल नेटवर्किंग को समझाने के लिए परतों का इस्तेमाल करता है। ओएसआई को हम एक से लेकर सात परतों में समझेंगे।

    ओएसआई मॉडल की सात परतें (seven layers of osi model in hindi)

    1. एपलीकेशन परत (Application layer of osi model in hindi)

    यह परत सबसे ऊपर होती है जो की ज़्यादातर उपयोगकर्ताओं को दिखती है। जो भी एपलीकेशन सातवी परत पर होती है वह उपयोगकर्ता से सीधा संपर्क में रहती है। वेब ब्राउज़र जैसे की गूगल क्रोम, सफारी, फायरफॉक्स और स्काइप, आउटलूक आदि भी इस परत के उदाहरण हैं।

    2. प्रदर्शन परत (Presentation layer of osi model in hindi)

    प्रदर्शन परत जो होती है उसमे उस क्षेत्र को दिखाया जाता है जो की डाटा से हट कर होता है यह उस तरीके को दिखाता है जिसमे एपलिकेशन प्रारूप को हम नेटवर्क प्रारूप में और नेटवर्क प्रारूप से एप्लिकेशन प्रारूप को बदलने का काम करते हैं।

    इसका एक अच्छा उदाहरण है डाटा का एंक्रिप्शन और दिक्रयपशन जिससे की डाटा को सुरक्षित पहुंचाया जा सके।

    3. अधिवेशन परत (Session layer of osi model in hindi)

    जब भी किसी कम्प्युटर, उपकरण या फिर सर्वर को आपस में संपर्क करने की आवश्यकता होती है तब हमे एक अधिवेशन की जरूरत होती है और अधिवेशन परत हमें इसमे मदद करती है।

    इस तरह के कार्यों में सेटअप की जरूरत होती है, जो की एपलिकेशन की प्रतिक्रिया का इंतज़ार करता है चल रहे काम को बंद करने के लिए या फिर काम को चालू करने के लिए।

    4. ट्रांसपोर्ट परत (Transport layer of osi model in hindi)

    ट्रांसपोर्ट परत जो होती है वह अंत सिस्टम और होस्ट के बीच में डाटा को भेजने का काम करता है। कितना डाटा भेजना है और कहाँ भेजना है इस सब की वह देख रेख करता है।

    इसका सबसे बेहतर उदाहरण है टीसीपी (ट्रान्सफर कंट्रोल प्रोटोकॉल) जो की इंटरनेट प्रोटोकॉल पर काम करता है। यूडिपी पोर्ट परत 4 पर काम करती है जबकि नेटवर्क परत 3 पर काम करती है।

    (सम्बंधित लेख – यूडीपी और टीसीपी प्रोटोकॉल में अंतर)

    5. नेटवर्क परत (Network layer of osi model in hindi)

    नेटवर्क परत पर हम ज़्यादातर राउटर के कार्यों को देखते हैं। इस तरीके को ज़्यादातर नेटवर्क पेशेवर अच्छा मानते हैं। यह परत ज़्यादातर पाकिट फोरवरडिग, राऊटिंग आदि में काम में आती है।

    जैसे की मान लीजिये आपको किसी कम्प्युटर में इंटरनेट को इस्तेमाल करना है तो उसके लिए हमें राउटर की जरूरत होगी जिसकी मदद से हम इंटरनेट को उसमे इस्तेमाल कर सकेंगे।

    6. डाटा लिंक परत (Data Link layer of osi model in hindi)

    डाटा लिंक परत हमें नोड से नोड डाटा को भेजने में मदद करती है और एरर कनैक्शन आदि में भी मदद करते हैं।

    इसमे दो उप परतें होती हैं जिनहे हम मीडिया एक्सैस कंट्रोल (MAC) और लॉजिकल लिंक कंट्रोल (LLC) बोलते हैं। नेटवर्किंग में ज़्यादातर लोग परत 2 में काम करते हैं।

    7. भौतिक परत (Physical layer of osi model in hindi)

    ओएसआई में नीचे की तरफ एक भौतिक परत होती है जो की विघुतीय और भौतिक सिस्टम की संरचना को दर्शाती है।

    यह नेटवर्क केबल से लेकर रेडियो आव्रतियों तक सभी उपकरणों में काम आती है। जब भी कोई नेटवर्क से संबंधित परेशानी आती है तो हमें इस ही परत में मरम्मत करनी पड़ती है।

    इस लेख से सम्बंधित यदि आपका कोई सवाल या सुझाव है, तो आप उसे नीचे कमेंट में लिख सकते हैं।

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