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ओआईसी की बैठक में सुषमा स्वराज

भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज इस्लामिक सहयोग संगठन की सभा में शामिल होने के लिए अबू धाबी गयी थी। इस सभा में जम्मू कश्मीर के क्षेत्रीय शासन पर हो रही चर्चा में भारत ने सख्त लहजे में कहा कि “यह राज्य भारत का आंतरिक मसला है।”

भारत की सख्त प्रतिक्रिया

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि जम्मू कश्मीर पर रखे प्रस्ताव पर हमारा मत स्पष्ट और तर्कयुक्त हैं। हम दोहराते है कि जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग हैं और भारत का आंतरिक मामला आंतरिक है।

सुषमा स्वराज का भाषण

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बगैर पाकिस्तान का नाम जाहिर करते हुए कहा कि अगर हमें मानवता की रक्षा करना चाहते है तो हम आतंकी समूहों को पनाह देने वाले और वित्तपोषित करने वाले राज्यों को आतंकी शिविरों को ध्वस्त करने और पनाहगार बनने और आतंकी संगठनों को वित्तीय सहायता मुहैया करने से मना करना होगा।

ओआईसी में मुस्लिम देशों के मंत्रियों को सम्बोधित करते हुए सुषमा स्वराज ने कहा कि भारत के समक्ष संस्थापक देशों के साथ साझा करने के लिए बहुत कुछ है और इस सभा में विशेष अथिति का दर्जा देकर सम्मानित करना भारत के गौरव को बढ़ाना है। इस सभा में 57 मुस्लिम राष्ट्र सदस्य हैं।

उन्होंने कहा कि मैं अपने साथ 1.3 अरब जनता का आभार लेकर आयी हूँ, इसमें लगभग 18 करोड़ मुस्लिम भाई-बहने भी शामिल है। भारत की विविधता में मुस्लिम भाई-बहन एक सूक्ष्म जगत की तरह है।

पाकिस्तान का दावा

इसके पूर्व पाकिस्तान के विदेश विभाग ने दावा किया कि “ओआईसी का प्रस्ताव कश्मीर मसले पर पाकिस्तान का समर्थन करता है। पाक के मुताबिक ओआईसी के सदस्यों ने दोहराया कि जम्मू-कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच विवादित मसला है और यह प्रस्ताव दक्षिण एशिया में आवश्यक शांति के सपने को साकार करने के लिए है।”

उन्होने कहा कि “यह प्रस्ताव क्षेत्रीय शांति, पाक हवाई इलाके का भारत द्वारा उल्लंघन और पाक को जवाबी कार्रवाई करने की मान्यता प्रदान करता है। साथ ही पाक के प्रधानमंत्री इमरान खान का भारत को शांति का प्रस्ताव और भारतीय पायलट को वापस लौटाने के ऐलान की सराहना करता है।”

(भारत पाकिस्तान सम्बन्ध)

By कविता

कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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