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    जम्मू कश्मीर के नेता फारूक अब्दुल्ला

    नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि भारत और पाकिस्तान को करतारपुर गलियारे की तरह लाइन ऑफ़ कंट्रोल और अंतर्राष्ट्रीय सीमा के सभी मार्ग खोल देने चाहिए। उन्होंने कहा कि यह पहल न सिर्फ सीमा के पार दोनों देशों की आर्थिक गतिविधियाँ बढेंगी बल्कि यह दोनों राष्ट्रों के मध्य बुझे हुए दोस्ती के दीपक को दोबारा प्रज्जवलित करेगा।

    फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि ‘मैं भारत और पाकिस्तान की सरकार से दरख्वास्त करना चाहूँगा कि दोनों राष्ट्रों के मध्य पारंपरिक मार्ग को खोल दें’। फारूक अब्दुल्ला उत्तरी कश्मीर में स्थित देवन बाघ बारामुल्ला में एकत्रित भीड़ को संबोधित कर रहे थे।

    श्रीनगर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से संसद के सदस्य फ़ारूक़ अब्दुल्ला ने कहा कि जनता से जनता का संपर्क और अन्य भरोसा बढ़ाने वाले तथ्य दोनों राष्ट्रों के मध्य अविश्वास को कम करेगा। नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी को सत्ता किकोई चाहता नहीं है और वह कभी संविधान के अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35-ए के साथ कोई समझौता नहीं करेंगे।

    उन्होंने कहा कि हम पीडीपी-कांग्रेस के साथ मिलकर गठबंधन बनाने के इच्छुक है और हमारे राज्य से विशेष प्रान्त का दर्जा छीनने वालो पर हमलावर रुख अपनाएंगे। फ़ारूक़ अब्दुल्ला ने कहा कि अगर मेरी पार्टी को सत्ता का मोह होता तो मैं कभी मुख्यमंत्री की कुर्सी को ठोकर नहीं मारता, जब जगमोहन को हमारे राज्य का राज्यपाल नियुक्त गया था। उन्होंने कहा कि मेरी जनता के गौरव और सम्मान से बढ़कर मुझे कुछ और प्रिय नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारा संघर्ष अहिंसक और शांतिपूर्ण होगा।

    राज्य में कई संस्थानों की कार्यप्रणाली और ढांचों के बदलाव के बाबत फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि राज्यपाल का प्रशासन हमारे संस्थानों का मखौल बना रहा है। उन्होंने कहा कि जब जम्मू कश्मीर में चुनावी प्रक्रिया द्वारा सरकार नहीं होती तो राज्यपाल हमारे संस्थानों में दखलंदाजी करते हैं। हाल ही में जम्मू कश्मीर का वित्तीय संस्थान राज्य प्रशासन परिषद् इसका एक उदहारण है।

    उन्होंने कहा कि वह प्रशासन से अपने निर्णय को वापस बदलना का आग्रह करते हैं कि जम्मू कश्मीर के बैंक को सार्वजनिक क्षेत्र के अंतगर्त ने दें।

    सिखों के पहले गुरु और सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव ने अपने जीवन के अंतिम 18 वर्ष करतारपुर साहिब में व्यतीत किये थे। उनकी मृत्यु साल 1539 में हुई थी। यह गुरुद्वारा पाकिस्तान में रावी नदी के किनारे बसा हुआ है।

    पाकिस्तान में करतारपुर साहिब गलियारे के स्थापना समारोह में भारत के पंजाब सूबे के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू और मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह को आमंत्रित किया गया

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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