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    एयरटेल डिजिटल टीवी

    मुकेश कंपनी की रिलायंस कंपनी टेलीकॉम सेक्टर में तहलका मचाने के बाद अब डीटीएच सुविधा सेक्टर में आने की योजना बना रही है। इसके लिए डीटीएच सेक्टर के वर्तमान खिलाड़ियों में चिंता का माहौल बन रहा है और ऐसा लग रहा है की वे रिलायंस जिओ को इस बार किसी भी कीमत पर शीर्ष स्थान लेने से रोक कर रहेंगे। ऐसा करने के लिए हाल ही में खबर मिली है की एयरटेल और डिश टीवी आपस में विलय करने की योजना बना रहे हैं।

    चर्चा शुरूआती दौर में :

    इकनोमिक टाइम्स के मुताबिक जहां जिओ की डीटीएच सेक्टर में एंट्री होना पक्का है वहीँ बतादें की एयरटेल और डिश टीवी के बीच विलय की चर्चा केवल शुरूआती दौर में हैं। इसके लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। हाल्नाकी यदि इस घटना का विश्लेषण किया जाता है तो हम कह सकते हैं की एयरटेल और डिश टीवी का विलय होने पर वह सबसे बड़े डीटीएच सुविधा प्रदाता बन जायेंगे। यदि इसे संख्यात्मक तौर पर देखा जाए तो इन दोनों का विलय होने पर ये डीटीएच बाज़ार का कुल 61 प्रतिशत हिस्सा नियंत्रित करेंगे।

    पिछले वर्ष डिश टीवी ने विडियोकोन d2h के साथ विलय किया था। इसके साथ ही पिछले वर्ष एयरटेल ने अपनी टीवी सर्विस को टाटा स्काई को बेचना चाहा था लेकिन डील नहीं हो पायी थी। हालंकि इसके बाद एयरटेल ने अपनी कुल हिस्सेदारी में से 20 प्रतिशत एक निजी फर्म को बेच दी थी।

    रिलायंस ने की पूरी तैयारी :

    मुकेश अंबानी जिस भी उद्योग में जाते हैं तो वहां के वर्तमान खिलाड़ी सतर्क हो जाते हैं फिर भी मुकेश अंबानी उस उद्योग के राजा बन जाते हैं। यह मुकेश अंबानी की व्यापार करने की कुशलता के कारन और उनकी ठोस योजनाओं के कारण हो पाता है। टेलिकॉम सेक्टर में जाने के बाद वोडाफोन और आईडिया के विलय करने के बाद भी वे रिलायंस जिओ को नहीं रोक पाए और अब यह टेलिकॉम सेक्टर में शीर्ष पर है।

    ऐसे ही रिलायंस डीटीएच सेक्टर में भी ठोस प्रवेश करने की सोच रहा है। ऐसा करने के लिए रिलायंस कुछ समय से योजनाएं बना रहा है और इसी बीच इसने कुछ कंपनियों का अधिग्राहक भी किया है। रिलायंस जिओ ने हाथवे केबल्स, दें नेटवर्क और डाटाकॉम फर्म्स का अधिग्रहण कर लिया है और जल्द ही यह डीटीएच बाज़ार में प्रवेश करने की योजना बना रहा है।

    By विकास सिंह

    विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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