भारत टेलिकॉम बाज़ार में सभी प्रदाताओं द्वारा 4G इन्टरनेट सुविधाओं पर तीव्र प्रतिस्पर्धा के बाद अब प्रदाताओं को प्रतोस्पर्धा के लिए नया विधाय मिल गया है और यह है 5G स्पेक्ट्रम का भारतीय टेलिकॉम बाज़ार में प्रवेश है। जल्द ही यह भारतीय बाज़ार में भी आने वाला है और प्रदाताओं ने इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं।
जनवरी 2020 में हो सकती है 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी :
एसबीआईसीएपी सिक्योरिटीज द्वारा हाल ही में 5G पर एक रिपोर्ट पेश की गयी थी जिसमे उनके अनुसंधान प्रमुख राजीव शर्मा ने कहा कि उन्हें जनवरी 2020 तक 5 जी स्पेक्ट्रम की नीलामी हो जाने की उम्मीद है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया की रिलायंस जिओ एकमात्र ऐसा दूरसंचार ऑपरेटर है जिसने 5G एयरवेव की शुरुआती बिक्री का समर्थन किया है।
हालंकि भारती एयरटेल और वोडाफोन आईडिया दोनों ने जल्द नीलामी का विरोध किया है। एयरटेल ने जहां 5G नीलामी का मूल्य घटाने की मांग की है वहीँ वोडाफोन ने नीलामी को स्थगित करने के लिए दरखास्त की है।
रिलायंस जिओ सबसे पहले 5G स्पेक्ट्रम खरीदने को तैयार :
रिपोर्ट के अनुसार रिलायंस जिओ वर्ष 2020 की दूसरी छमाही में भारत में 5G इंटरनेट लांच करेगा ताकि वह 4G इंटरनेट के मामले में दुसरे प्रदाताओं से प्रतिस्पर्धा में ना पिछड़े। इसके मुख्य प्रतिस्पर्धी एयरटेल और वोडफोन हैं जोकि वर्तमान में पूँजी निवेश पा चुके हैं और बाज़ार में बेहतर होने की योजना बना रहे हैं। इनसे एक कदम आगे रहने के लिए जिओ सबसे पहले 5G इंटरनेट लांच कर देना चाहता है।
इसी के चलते सरकार की पेशकश को जिओ ने स्वीकार किया है और कहा है की यह जल्द से जल्द नीलामी से 5G स्पेक्ट्रम को खरीदना चाहता है।
एयरटेल और वोडाफोन ने भी की तैयारी शुरू :
सरकार द्वारा 5G स्पेक्ट्रम का हलानाकी एयरटेल और वोडाफोन द्वारा विरोध किया जा रहा है लेकिन दूसरी तरफ एयरटेल और वोडाफोन ने अपने स्तर पर नई तकनीक के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। एयरटेल जल्द ही नोकिया के फ्रंटहॉल समाधान का परीक्षण करने जा रहा है, जो रिपोर्ट के अनुसार 4 जी और 5 जी सेवाओं का समर्थन कर सकता है।
इसके साथ ही वोडाफोन ने मेड्रिड और बार्सिलोना में अपने 5G नेटवर्क का पहला कमर्शियल टेस्ट पूरा कर लिया है। लेकिन भारत में वोडाफोन 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी को थोडा स्थगित करवाना चाहता है। इसके साथ ही एयरटेल ने टेलिकॉम डिपार्टमेंट से 5G स्पेक्ट्रम का मूल्य घटाने की मांग की है। हालंकि जिओ किसी भी मूल्य पर जल्द से जल्द 5G स्पेक्ट्रम का अधिग्रहण करना चाहता है।