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    एमएस एक्सेस में constraints कैसे करें constraint in ms access in hindi

    विषय-सूचि

    Constraint क्या है? (constraints in ms access in hindi)

    जब आप टेबल में डाटा डालने वाले होते हैं तो constraints ही आपको ये निर्णय लेने में सक्षम बनाता है कि वो डाटा किस प्रकार का होगा।

    ये एक फील्ड के अंदर डाले जाने वाले वैल्यूज को रेस्ट्रिक्ट करने में भी काम आता है। रेफेरल इंटीग्रिटी को स्थापित करने में भी constraints एक अहम भूमिका निभाते हैं। अब आप ये सोच रहे होंगे कि ये रेफेरल इंटिग्रिटी होता क्या है?

    रेफेरल इंटिग्रिटी नियमों का एक सेट होता है जो ये देखता है कि अलग अलग सम्बन्धित टेबल के अंदर के रिकार्ड्स के बीच का रिलेशनशिप सही है या नही।

    Constraint क्लॉज़ क्या है? (constraint Clause in ms access in hindi)

    नीचे बने तालिका में सारे constraint clause के नाम दिए गये हैं और साथ ही उनका विवरण भी:

    भागविवरण
    nameउस constraint का नाम जिसे आप बनाने जा रहे हैं।
    primary1, primary2उस फील्ड (जो एक्स इ ज्यादा भी सो सकते हैं) का नाम जो प्राइमरी की को दिया जाएगा।
    unique1, unique2उस फील्ड (जो एक्स इ ज्यादा भी सो सकते हैं) का नाम जो यूनिक की को दिया जाएगा।
    notnull1, notnull2उन फील्ड या फ़ील्ड्स का नाम जिनका मान शुन्य नही है।
    ref1, ref2ऐसे फॉरेन की वाले फील्ड जो दुसरे टेबल को रेफेर करते हैं।
    foreigntableforeignfield द्वारा specify किये गये फील्ड वाला फॉरेन टेबल का नाम।
    foreignfield1, foreignfield2foreigntable के अंदर के उन फील्ड के नाम जिन्हें ref1, ref2 से जाना जाता है।

     

    Constraints के प्रकार (types of constraints in hindi)

    माइक्रोसॉफ्ट एक्सेस में constraint के प्रकार और उनका विवरण निम्न्लिखित तालिका में है:

    ConstraintDescription
    NULL/NOT NULLये टेबल में रिकार्ड्स को डालते समय बताता है कि किसी फील्ड को खाली छोड़ा जा सकता है या नही
    PRIMARY KEYटेबल के अंदर सारे रिकॉर्ड को ख़ास तरीके से एक पहचान देता है। इन्हें फ़ील्ड्स का ID कार्ड समझ लीजिये।
    FOREIGN KEYकिसी एक टेबल के रिकॉर्ड को किसी दुसरे टेबल के रिकॉर्ड से लिंक करता है।
    UNIQUEये इस बात को स्थापित करता है कि कॉलम के अंदर के सारे वैल्यू अलग-अलग यानी कि डिफरेंट तो हैं।
    CHECKकॉलम के अंदर डाले गये डाटा का क्राइटेरिया सेट करता है।

     

    Constraints का उदाहरण (examples of constraints in ms access in hindi)

    अब हम एक सिंपल उदाहरण के जरिये समझेंगे कि constraints होते क्या हैं और इनका प्रयोग कैसे किया जाता है। मान लीजिये हमारे पास Toys_Table एक स्क्रिप्ट है जिसमे खिलौनों से सम्बन्धित सूचनाएँ हैं। अब आप इसमें इन constraints को लगाना चाहते हैं:

    • प्रत्येक खिलौने कि ID यूनिक हो।
    •  ToyID, ToyName और Price में हमेशा कोई न कोई वैल्यू हो जब Toys_Table में कोई नया रिकॉर्ड डाला जाए।

    अब नीचे दिए गये स्क्रिप्ट को ध्यान से देखें:

     CREATE TABLE Toys
        (
        ToyID INTEGER CONSTRAINT ToyPk PRIMARY KEY,
        ToyName CHAR (30) NOT NULL,
        Price MONEY NOT NULL,
        Description CHAR (40) NULL
        );

     

    • ये स्क्रिप्ट एक Toys नामक एक टेबल बनता है जिनमे ये चार्ट कॉलम हैं- ToyID, ToyName, Price और Description.
    • ToyID कॉलम के लिए एक प्राइमरी की constraint को परिभाषित किया गया है।
    • ToyName और Price कॉलम के लिए NOT NULL constraint को परिभाषित किया गया है।
    • Description कॉलम NULL constraint को कन्टेन कर रहा है।

    इस तरह से आप किसी भी टेबल में ऐसे स्क्रिप्ट लिख कर जरूरत के हिसाब से constraints को परिभाषित कर सकते हैं।

    इस लेख से सम्बंधित यदि आपका कोई भी सवाल या सुझाव है, तो आप उसे नीचे कमेंट में लिख सकते हैं।

    By अनुपम कुमार सिंह

    बीआईटी मेसरा, रांची से कंप्यूटर साइंस और टेक्लॉनजी में स्नातक। गाँधी कि कर्मभूमि चम्पारण से हूँ। समसामयिकी पर कड़ी नजर और इतिहास से ख़ास लगाव। भारत के राजनितिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक इतिहास में दिलचस्पी ।

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