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    नेटवर्क टोपोलॉजी network topology in hindi

    विषय-सूचि

    नेटवर्क टोपोलॉजी की परिभाषा (network topology definition in hindi)

    परिभाषा – नेटवर्क टोपोलोजी एक तरह का नेटवर्क के जाल का छाया चित्र है जो की नोड्स के कनेक्शन को समझाने में हमारी मदद करता है।

    नेटवर्क टोपोलोजी कम्यूनिकेशन नेटवर्क का एक तत्व है। नेटवर्क टोपोलोजी ग्राफ सीद्धांत में भी उपयोगी होता है क्योंकि यह कम्यूनिकेशन डिवाइस के नेटवर्क में काम आता है।

    भौतिक टोपोलोजी नेटवर्क के अंगो को बताती है जबकि लॉजिकल टोपोलोजी यह बताती है की नेटवर्क में डाटा कैसे चल रहा है।

    नेटवर्क टोपोलॉजी के प्रकार (types of network topology in hindi)

    1. बस टोपोलोजी (bus topology in hindi)

    बस टोपोलोजी भी नेटवर्क का ही एक अंग होता है जिसमे हर कम्प्युटर और नेटवर्क डिवाइस एक ही केबल से जुड़ा हुआ होता है। जब इसमें केवल दो एंड पॉइंट होते हैं तब इसे लिनियर बस टोपोलोजी बोला जाता है।

    बस टोपोलोजी की विशेषताएँ (properties of bus topology in hindi)
    • यह डाटा को केवल एक ही दिशा में ट्रांसमीट करता है।
    • हर उपकरण केवल एक ही केबल से जुड़ा हुआ होता है।
    बस टोपोलोजी के फायदे (advantages of bus topology in hindi)
    • यह ज्यादा महंगे नहीं होते।
    • केबल की जरूरत भी कनेक्शन के लिए और नेटवर्क के लिए कम ही पड़ती है।
    • यह छोटे नेटवर्क में काम आता है।
    • यह समझने में काफी आसान है।
    • यह दो केबलों की मदद से आसानी से बढ़ाया जा सकता है।
    बस टोपोलोजी के नुकसान (disadvantages of bus topology in hindi)
    • यदि केबल खराब है तो आपका पूरा नेटवर्क खराब हो जाएगा।
    • यदि आपके नेटवर्क का ट्रेफिक भारी है या फिर नोड्स काफी मात्रा में हैं तो आपके नेटवर्क की क्षमता कम हो जाएगी।
    • केबल की एक सीमित लंबाई होती है।
    • यह रिंग टोपोलोजी से थोड़ा धीरे है।

    2. रिंग टोपोलोजी (ring topology in hindi)

    इसे हम रिंग टोपोलोजी इसलिए बोलते हैं क्योंकि हर कम्प्युटर दूसरे कम्प्युटरों से जुड़ा हुआ होता है इसलिए यह एक तरह की रिंग बनाता है और आखिरी कम्प्युटर को पहले कम्प्युटर से जोड़कर इस रिंग को पूरा करता है।

    इसका मतलब यह है हर उपकरण के दो पड़ोसी होते हैं।

    रिंग टोपोलोजी की विशेषताएँ (properties of ring topology in hindi)
    • रिंग टोपोलोजी में काफी सारे रिपीटर का इस्तेमाल किया जाता है, काफी सारी नोड्स की मदद से क्योंकि अगर किसी को भी किसी भी प्रकार का डाटा आखिरी नोड में भेजना है जिसमें 100 नोड हैं, तो फिर डाटा को बाकी की 99 नोड से पहले गुजरना पड़ेगा जिससे की वह 100 नंबर नोड तक पहुँच पाए। इस वजह से हमें रिपीटर का इस्तेमाल करना पड़ता है जिससे की नेटवर्क में डाटा खराब नहीं हो।
    • इसमे जो ट्रंजमिशन होता है वह केवल एक ही दिशा में होता है। इसको हम दो दिशाओं में भी कर सकते हैं नेटवर्क नोड में 2 कनेक्शन बनाके जिसे हम ड्यूयल रिंग टोपोलोजी के नाम से जानते हैं।
    • ड्यूयल रिंग टोपोलोजी में दो रिंग के नेटवर्क बनते हैं और इनमे जो डाटा घूमता है वह विपरीत दिशा में घूमता है। यदि कोई एक रिंग खराब हो जाएगी तो दूसरी रिंग बैकअप के रूप में काम करती है जिससे की नेटवर्क सही से काम करता रहे।
    • डाटा एक ही दिशा में चलता रहता है एक बिट से दूसरे बिट तक। जो भी डाटा ट्रांसमीट हो रहा है वह नेटवर्क की हर नोड से गुजरता हुआ चलता है जब तक वह गंतव्य वाली नोड तक नहीं पहुँच जाता।
    रिंग टोपोलोजी के फायदे (advantages of ring topology in hindi)
    • जो भी नेटवर्क ट्रांसमीट किया जा रहा है वह ज्यादा ट्रेफिक की वजह से प्रभावित नहीं होता ना ही ज्यादा नोड्स की वजह से परेशान होता है। केवल जिन नोड्स में टोकन होता है वह ही डाटा को भेजने का काम कर सकते हैं।
    • यह इन्स्टाल करने में सस्ता है और फैलाने में भी काफी सस्ता है।
    रिंग टोपोलोजी के नुकसान (disadvantages of ring topology in hindi)
    • रिंग टोपोलोजी में ट्रब्ल्शूटिंग में काफी परेशानी आती है।
    • कम्प्युटर में हो रहे जुड़ाव और हटाव से नेटवर्क के चाल चलन में परेशानी हो सकती है।
    • एक कम्प्युटर का खराब होना पूरे के पूरे नेटवर्क को खराब कर सकता है।

    3. स्टार टोपोलोजी (star topology in hindi)

    इस टोपोलोजी में सारे के सारे कम्प्युटर एक अकेले हब से केबल के माध्यम से जुड़े हुए होते हैं। इस हब को हम सेंट्रल नोड भी बोलते हैं और बाकी की सारी नोड सेंट्रल नोड से जुड़ी हुई होती हैं।

    स्टार टोपोलोजी की विशेषताएँ (properties of star topology in hindi)
    • हर नोड का अपना एक खुदका कनेक्शन हब से होता है जिससे वह काम करता है।
    • हब रिपीटर की तरह डाटा के आने जाने में काम करता है।
    • यह घूमे हुए रहते हैं और ऑप्टिकल फाइबर या फिर कोएक्सियल केबल के रूप में काम करते हैं।
    स्टार टोपोलोजी के फायदे (advantages of star topology in hindi)
    • केवल कुछ ही नोड की मदद से अच्छी क्षमता और कम नेटवर्क ट्रेफिक।
    • हब को हम आसानी से अपग्रेड कर सकते हैं।
    • इसमे ट्रबल्शूट करना आसान होता है।
    • इसमे मोडीफिकेशन और सेटअप भी आसान होते हैं।
    • केवल वही नोड काम नहीं करती जो फ़ेल हो गयी है बाकी की सारी नोड फिर भी इसमें काम करती हैं।
    स्टार टोपोलोजी के नुकसान (disadvantages of star topology in hindi)
    • इसको इन्स्टाल करने की कीमत ज्यादा है।
    • यह इस्तेमाल करने में थोड़े महंगे हैं।
    • यदि हब खराब हो गया तो सारा का सारा नेटवर्क रुक जाएगा क्योंकि सारी की सारी नोड हब की वजह से ही सही से काम कर पाति हैं।
    • हब की क्षमता पर ही इस टोपोलोजी की उम्मीद टिकी होती है और यह इसी की वजह से ही सही से काम कर पाता है।

    4. मेश टोपोलोजी (mesh topology in hindi)

    Flooding – इसमे वही डाटा सारी की सारी नेटवर्क नोड में ट्रांसमीट किया जाता है तो इसकी वजह से कोई भी राऊटिंग लॉजिक की जरूरत हमें नहीं पड़ती।

    इसका नेटवर्क काफी पुष्ट होता है और यह असामान्य है की कोई भी डाटा इसमें खराब हो जाए। पर यह एक बेकार का भार नेटवर्क पर डाल देता है।

    मेश टोपोलोजी के प्रकार (types of mesh topology in hindi)
    • पार्शियल मेश टोपोलोजी – इस टोपोलोजी में कुछ सिस्टम एक ही तरीके से जुड़े हुए होते हैं जैसे की मेश टोपोलोजी में होते हैं पर कुछ डिवाइस केवल 2 या 3 उपकरणों से जुड़े हुए होते हैं।
    • फूल मेश टोपोलोजी – सारे के सारे नोड और उपकरण एक दूसरे से जुड़े हुए होते हैं।
    मेश टोपोलोजी की विशेषताएँ (properties of mesh topology in hindi)
    • यह पूरी तरह से जुड़े हुए होते हैं।
    • यह पुष्ट होते हैं।
    • यह थोड़े लचीले भी होते हैं।
    मेश टोपोलोजी के फायदे (advantages of mesh topology in hindi)
    • हर कनेक्शन का अपना खुदका डाटा लोड होता है।
    • यह लचीले हैं।
    • इसमें जो भी परेशानी आती है वह आसानी से सही की जा सकती है।
    • यह सुरक्षा और एकांत हमें देता है।
    मेश टोपोलोजी के नुकसान (disadvantages of mesh topology in hindi)
    • इसको इन्स्टाल करना और विन्यास करना आसान नहीं होता।
    • केबल बिछाना महंगा होता है।
    • ज्यादा मात्रा में वायरींग की जरूरत होती है।

     इस लेख से सम्बंधित यदि आपका कोई भी सवाल या सुझाव है, तो आप उसे नीचे कमेंट में लिख सकते हैं।

    2 thoughts on “नेटवर्क टोपोलॉजी क्या है? परिभाषा, प्रकार”

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