पिछले कई दिनों से जारी रस्साकस्सी के बाद आज आखिरकार जेडीयू के दोनों धड़े एक-दूसरे के खिलाफ खड़े हो गए। दोनों धड़ों के बीच अभी तक चल रही जुबानी जंग ने आज मूर्त रूप ले लिया। पटना में आयोजित जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में आज जेडीयू के एनडीए में शामिल होने के प्रस्ताव पर मुहर लग गई। इस बैठक की अध्यक्षता जेडीयू प्रमुख और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की। वहीं पटना के ही कृष्ण मेमोरियल हॉल में जेडीयू के संस्थापक अध्यक्ष और बागी नेता शरद यादव ने केंद्र की एनडीए सरकार के खिलाफ जन अदालत सम्मलेन का आगाज किया है। इस तरह कभी साथी रहे इन दोनों नेताओं की राहें अब अलग हो गई हैं और मुमकिन है शीघ्र ही नीतीश कुमार शरद यादव पर अनुशासनात्मक कार्रवाई कर उन्हें जेडीयू से निष्कासित कर दें।
जेडीयू के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक नीतीश कुमार के पटना स्थित मुख्यमंत्री आवास पर हुई। इस बैठक में जेडीयू के एनडीए में सहयोगी बनने का प्रस्ताव पास हो गया। यह खबर मिलने के बाद मुख्यमंत्री आवास के बाहर बड़ी संख्या में शरद यादव के समर्थक और आरजेडी के कार्यकर्ता इकट्ठे हो गए। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और अपना विरोध जताया। इस विरोध प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री आवास के बाहर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। इस बैठक में हालाँकि अभी तक शरद यादव को लेकर कोई निर्णय नहीं हुआ है लेकिन एक बात स्पष्ट है कि नीतीश कुमार उनके खिलाफ शीघ्र ही कठोर कदम उठा सकते हैं।
नीतीश कुमार से बगावत के बाद शरद यादव का खुला समर्थन कर रहे आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने कहा है कि यह जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक नहीं थी, यह भाजपा की कार्यकारिणी की बैठक थी। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार इस समय संकट में घिरी हुई है और सृजन घोटालों में नाम आने के चलते खुद को बचाने के लिए नीतीश कुमार और सुशील मोदी प्रधानमंत्री नरेंद मोदी के आगे नाक रगड़ रहे है। आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव इससे पहले भी जेडीयू के बागी नेता शरद यादव का समर्थन कर चुके हैं और उन्होंने कहा था कि शरद यादव के नेतृत्व वाली जेडीयू से आरजेडी का गठबंधन जारी रहेगा।