‘दा नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल'(एनजीटी) ने दिल्ली सरकार पर 25 करोड़ का जुर्माना लगाया है। एनजीटी ने अरविन्द केजरीवाल की सरकार को राजधानी के गैर-अनुरूप छेत्रों में चल रहे 51,000 उद्योगों को बंद करने का निर्देश दिया था जिसकी असफलता के कारण ये कदम उठाया गया।
एनजीटी ने दिल्ली सरकार को ये आदेश दिया है कि वे प्रदुषण फ़ैलाने वालो से ये राशि वसूले और साथ ही उन लोगो की तनख्वाह में से काटे जो इस खतरे को जांचने के लिए ज़िम्मेदार हैं। अगर सरकार जुर्माना भरने में नाकामयाब हुई तो उसे हर महीने 10 करोड़ रूपये भरने होंगे।
ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष आदर्श कुमार गोयल का ये आदेश तब आया जब मुख्य सचिव ने कोर्ट में अलफनमा दर्ज़ करवाया जिसमें कंटेंट अष्पष्ट था।
अपने आदेश में मुख्य बेंच ने कहा-“जो अनुपालन रिपोर्ट जमा कराइ गयी है वे केवल एक बहाना है। दिल्ली सरकार ने अभी तक एक भी गैर-कानूनी उद्योग को बंद नहीं किया है और नहीं ऐसे किसी उद्योग का नाम लिया है जो गैर-अनुरूप छेत्रों में चल रही हो।”
कोर्ट ने कई सारी वायु प्रदुषण की याचिका को संयुक्त किया है जिसमे बवाना और नरेला उद्योगी छेत्रों में गैर-कानूनी उद्योग को बंद और साथ ही साथ प्लास्टिक और रबर को जलाने पर रोक लगाई है। आधिकारिक आकड़ो के हिसाब से ये दोनों छेत्र हर महीने कम से कम 1,500 मीटर टन का कूड़ा पैदा करते हैं।
एनजीटी के इस कदम की सराहना करते हुए, क्रिकेटर गौतम गंभीर ने भी “आम आदमी पार्टी” की लापरवाही पर तंज कसते हुए एक ट्ववीट किया। इसमें उन्होंने लिखा कि ये जुर्माना उनकी तरह अब हर करदाता को भरना होगा। साथ ही उन्होंने भाजपा को भी टैग करते हुए लिखा कि काश उनके पास ये विकल्प होता कि अपना टैक्स अब उन्हें “आम आदमी पार्टी” की निष्ठुरता को ना भरना पड़े।
छँटा धुआँ, निकला Muffler में लिपटा fraud! So @ArvindKejriwal @BJP4India Who’ll pay this fine? Of course me, the taxpayer. I wish I had the option of saying that my tax is not for Delhi CM’s callousness.Air pollution:NGT slaps Rs 25 crore fine on Delhi govt https://t.co/bpRxT4hqkH
— Gautam Gambhir (@GautamGambhir) December 3, 2018
राजधानी को एक महीने से ज्यादा हो गया वायु प्रदुषण से जूझते हुए। दिल्ली की हवा में ये संकट, पराली जलने से और वाहनों, पटाखों और निर्माण कार्य से उठने वाले धुएं की वजह से आया है।
‘दा सेंट्रल पोल्लुशण कण्ट्रोल बोर्ड'(सीपीसीबी) ने वायु गुणवत्ता सूचकांक को 314 पर दर्ज़ किया था जो “बहुत खराब” की श्रेणी में आता है।