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    पंजाब में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच तनाव के मद्देनज़र कांग्रेस आलाकमान ने सिद्धू के पास सन्देश भिजवाया है कि पंजाब में अमरिंदर ही बॉस हैं। उसके बाद सिद्धू ने अमरिंदर को पिता तुल्य बताया।

    राजस्थान में पत्रकारों से बात करते हुए सिद्धू ने कहा कि “आपको (मीडिया) जनता के बीच गन्दी बातें नहीं करनी चाहिए। वो (अमरिंदर) मेरे लिए पिता तुल्य हैं। मैं उनसे प्यार करता हूँ, उनकी इज्जत करता हूँ। मैं खुद सब संभाल लूँगा।” सिद्धू 7 दिसंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए राजस्थान में चुनाव प्रचार कर रहे हैं।

    कांग्रेस आलाकमान की ओर से सिद्धू को साफ़ साफ़ कहा गया है कि उन्हें अमरिंदर के खिलाफ कुछ भी नहीं बोलना चाहिए। पिछले हफ्ते सिद्धू की करतारपुर कॉरिडोर के लिए पाकिस्तान यात्रा के बाद के बाद से सिद्धू और अमरिंदर सिंह के रिश्ते तनाव पर पहुँच गए।

    अमरिंदर सिंह ने कहा था कि उन्होंने सिद्धू से बात की और पाकिस्तान न जाने को कहा लेकिन उन्होंने कहा कि वो वहां जाने का वादा कर चुके हैं। उसके बाद जब सिद्धू से कैप्टन अमरिंदर सिंह के आग्रह के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि “मेरे कैप्टन राहुल गाँधी है। वो मुझे हर जगह भेजते हैं। हमारे कैप्टन के कैप्टन है राहुल गाँधी।”

    उसके अगले ही दिन ट्वीट कर सिद्धू इस बात से मुकर गए कि राहुल गाँधी ने उन्हें पाकिस्तान भेजा था। उन्होंने ट्वीट किया “कुछ भी कहने से पहले अपनी जानकारी दुरुस्त कीजिये। राहुल गाँधी ने मुझे पाकिस्तान जाने को नहीं कहा था। सारी दुनिया जानती है कि मैं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के व्यक्तिगत बुलावे पर गया था।”

    विवाद के बाद पंजाब के कुछ मंत्रियों ने सिद्धू को मंत्रिमंडल से निकालने की मांग की। उन्होंने कहा ‘अगर सिद्धू कैप्टन अमरिंदर को अपना कैप्टन नहीं मानते तो उन्हें कैबिनेट से इस्तीफ़ा दे देना चाहिए। पंजाब के मंत्री गुरमीत सिंह सोढ़ी ने कहा कि वो पूरी तरफ से कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ हैं। एक अन्य मंत्री राजिंदर सिंह बाजवा ने कहा था कि अगर वो कैप्टन अमरिंदर को कैप्टन नहीं मानते तो उन्हें तुरंत इस्तीफ़ा दे देना चाहिए।

    By आदर्श कुमार

    आदर्श कुमार ने इंजीनियरिंग की पढाई की है। राजनीति में रूचि होने के कारण उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया। उन्होंने कई वेबसाइट पर स्वतंत्र लेखक के रूप में काम किया है। द इन्डियन वायर पर वो राजनीति से जुड़े मुद्दों पर लिखते हैं।

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