शनिवार के दिन, सीबीआई ने हरयाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हूडा और मोतीलाल वोरा के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। “एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड(एजेएल)” को पंचकुला में एक ज़मीन दोबारा आवंटित करने के कारण सीबीआई ने ये कदम उठाया है। एक विशेष अदालत में इस चार्जशीट को दाखिल किया गया है। जमीन के टुकड़े(सी-17) को दोबारा देने की वजह से राजकोष को 67 लाख रुपये का नुकसान झेलना पड़ा है।
हूडा, ‘हरयाणा अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी(एचयूडीए)’ के और वोरा, ‘एजेएल’ के अध्यक्ष रह चुके हैं। उन्हें इंडियन पेनल कोड के आपराधिक षडयंत्र से जुड़ी अनुमानों और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के अतर्गत मौजूद प्रावधानों के तहत चार्ज किया गया है।
चार्जशीट में, सीबीआई ने ये इलज़ाम लगाया है कि ‘एजेएल’ को 1982 में पंचकुला में ज़मीन दी गयी थी जिसपे 1992 तक कोई भी निर्माण कार्य नहीं हुआ।
एचयूडीए ने फिर इस ज़मीन के टुकड़े को वापस ले लिया था।
चार्जशीट में ये इलज़ाम लिखा है कि वही ज़मीन के टुकड़े को ‘एजेएल’ को 2005 में हूडा की तरफ से फिर दे दिया गया था वो भी उसके मूल रेट पर। हुड्डा ने ऐसा करके मानदंडो का उलंघन किया है।